EVM मुद्दे पर चुनाव अायोग की चुनौती, टेंपरिंग करके दिखाएं...!
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने ईवीएम से छेड़छाड़ की जांच के लिए सर्वदलीय समिति गठित करने की मांग की है।
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय चुनाव आयोग ने ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों को लेकर आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने एक बार फिर कहा कि मशीन के साथ छेड़छाड़ करना मुमकिन नहीं है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के उद्घाटन संबोधन के साथ बैठक शुरू हुई। इस बैठक में सभी 7 राष्ट्रीय और 35/48 राज्य मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भाग लिया।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों से कहा कि ईवीएम के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। लेकिन जो राजनीति दल यह दावा कर रहे हैं कि वे ईवीएम को टेंपर कर सकते हैं, उन्हें चुनाव आयोग ने चुनौती दी है कि वे ईवीएम को हैक करने दिखाएं। चुनाव आयोग ने ऐसे दलों को रविवार और सोमवार का समय दिया है।
केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बैठक के दौरान प्रेजेंटेशन दी, जिसमें ईवीएम की सुरक्षा से जुड़ी बातों के बारे में बताया गया। दरअसल, कुछ राजनीति दलों का कहना है कि ईवीएम की बड़ी आसानी से टेंपरिंग की जा सकती है।
सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग ने सरकार के वीवीपैट द्वारा चुनाव कराए जाने के कदम का स्वागत किया है। चुनाव आयोग का कहना है कि वीवीपैट के लिए सरकार से धन प्राप्त हो गया है और इसे 2019 तक कार्यान्वित कर दिया जाएगा।
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष दो मतों के बीच बंटा हुआ नजर आया। कुछ दल वोटर वेरिफायेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) से चुनाव की मांग कर रहे हैं, तो कुछ बैलट पेपर को ही चुनाव का उपयुक्त जरिया बता रहे हैं। अभी तक ईवीएम में टेंपरिंग की बात कर रहे सौरभ भारद्वाज अब वीवीपैट से चुनाव कराने की बात कर रहे हैं। वहीं बीएसपी बैलेट पेपर से चुनाव कराने के पक्ष में है। इधर जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा कि चुनाव आयोग विश्वास फिर से जगाए।
इस सर्वदलीय बैठक से पहले शिवसेना नेता अनिल देसाई ने कहा कि जब ईवीएम को लाया गया तभी बालासाहेब ठाकरे ने कहा था कि इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। बैलट पेपर के इस्तेमाल से वोटों की गिनती मे समय लग सकता है। इससे परिणाम आने में एक से दो दिनों तक का वक्त लग सकता है, लेकिन यह तरीका लोकतंत्र के लिए बेहतर रहेगा।
बता दें कि अब तक कांग्रेस वोटर वेरिफायेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) आधारित व्यवस्था की मांग कर रही थी और यह व्यवस्था लागू होने तक मतपत्र से चुनाव करवाने को कह रही थी। लेकिन दो दिन पहले दिल्ली विधानसभा में आप के एक विधायक की ओर से ईवीएम मशीन में छेड़छाड़ के तरीके का डेमो दिए जाने के बाद इस व्यवस्था को ले कर इन्होंने भी रुख सख्त कर लिया है।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय दलों के साथ ही 48 राज्य स्तरीय पार्टियों को भी बैठक में बुलाया। राष्ट्रीय पार्टियों की मान्यता इस समय भाजपा और कांग्रेस के अलावा बसपा, भाकपा, माकपा, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस के पास है।
चुनाव आयोग पहले ही यह साफ कर चुका है कि अगला लोकसभा चुनाव पूरी तरह से वीवीपैट व्यवस्था पर होगा यानी हर ईवीएम मशीन से बटन दबाने के बाद पर्ची निकलने की व्यवस्था भी होगी। किसी विवाद की स्थिति में इन पर्चियों की गिनती कर फैसला किया जा सकेगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करने वालीं बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती ने ईवीएम में छेड़छाड़ का मुद्दा सबसे पहले उठाया था। इसके बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर विचार करना शुरू किया।
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