शिक्षा के साथ संस्कार भी दिया जा रहा है इस विद्यालय में
वासुदेवपुर विद्यालय में साफ-सफाई पौधों फूल पत्तियों को देखने से यही लगता है कि यह विद्यालय स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण के मानक का भी पूरी तरह पालन करता है।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : शिक्षा आधुनिक दौर में कांवेंट विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाना अभिभावकों के लिए गर्व की बात हो गई है। ऐसे में यदि कहीं लोगों की रुझान परिषदीय विद्यालय की तरफ बढ़े तो इसे बदली सोच का द्योतक ही कहेंगे। कांवेंट स्कूल छोड़ कर बच्चे वासुदेवपर प्राथमिक विद्यालय में दाखिला ले रहे हैं। कारण यहां शिक्षा के साथ संस्कार का भी पाठ पढ़ाया जाता है। नए सत्र में 175 बच्चों का दाखिला कराया गया। वासुदेवपुर विद्यालय में साफ-सफाई पौधों फूल पत्तियों को देखने से यही लगता है कि यह विद्यालय स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण के मानक का भी पूरी तरह पालन करता है।
तापमान काफी अधिक होने के बावजूद विद्यालय में दर्जनों प्रकार के फूल खिले हुए हैं। वहीं तीन दर्जन से अधिक तरह के पौधे अपनी हरियाली से पूरे प्रांगण को हरा भरा किए हुए हैं। यह सब संभव हुआ पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक सतीश चंद्र यादव के प्रयास व समर्पण की भावना से। इस वर्ष जनपद के सभी ब्लाकों में चयनित होने वाले इंग्लिश माडल विद्यालयों में कासिमाबाद से इस विद्यालय का चयन किया गया है पूरी व्यवस्था सीबीएसई की तरह होगी। जब व्यथित हुआ था मन शिक्षक सतीशचंद्र बताते हैं कि शुरू में विद्यालय की दशा देख मन व्यथित हो गया था तब जिज्ञासा जगी कि अगर सभी शिक्षक मन बना लें तो इस विद्यालय के बच्चों को भी कांवेंट स्कूल से भी बेहतर शिक्षा दी जा सकती है ,यह मुराद पूरी हुई।