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मनरेगा घोटाले में ईडी ने दर्ज किए आठ मुकदमे

लखनऊ। स्मारक घोटाले से हासिल की गई काली कमाई जब्त करने के अभियान में लगे प्रवर्तन निदेशालय [ईडी] ने अब महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [मनरेगा] के घोटालेबाजों पर भी निशाना साधा है। ईडी ने मनरेगा घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत आठ मुकदमे दर्ज किए हैं। इन मुकदमों में घोटाले की अवधि

By Edited By: Published: Tue, 12 Aug 2014 09:59 PM (IST)Updated: Tue, 12 Aug 2014 09:59 PM (IST)
मनरेगा घोटाले में ईडी ने दर्ज किए आठ मुकदमे

लखनऊ। स्मारक घोटाले से हासिल की गई काली कमाई जब्त करने के अभियान में लगे प्रवर्तन निदेशालय [ईडी] ने अब महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [मनरेगा] के घोटालेबाजों पर भी निशाना साधा है। ईडी ने मनरेगा घोटाले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत आठ मुकदमे दर्ज किए हैं। इन मुकदमों में घोटाले की अवधि के तत्कालीन डीएम, सीडीओ, परियोजना अधिकारी और खंड विकास अधिकारियों के नाम हैं। ईडी इन सबकी संपत्तियां जब्त करेगा।

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मंगलवार की शाम ईडी के सहायक निदेशक के पर्यवेक्षण में इलाहाबाद स्थित उप क्षेत्रीय कार्यालय में मनरेगा घोटाले में प्रदेश सरकार के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अब ईडी इनकी संपत्तियों की छानबीन करेगी। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने संतकबीरनगर, कुशीनगर, बलरामपुर, गोंडा, मीरजापुर, सोनभद्र और महोबा में सीबीआइ की जांच रिपोर्ट को आधार बनाया है। ये आठ मुकदमे 2007 से 2010 की अवधि में संबंधित जिलों में तैनात रहे अफसरों के खिलाफ दर्ज किया गया है।

हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने संबंधित सातों जिलों में जांच की थी। इस जांच के दायरे में इन जिलों में तैनात अफसर और कारोबारी रहे हैं। सीबीआइ ने जांच के दौरान ही बलरामपुर, गोंडा और महोबा के अफसरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था। सीबीआइ का पहला केस महोबा जिले के चरखारी, कबरई, जैतपुर और पनवारी विकास खंड के तत्कालीन खंड विकास अधिकारी पर दर्ज किया गया, दूसरा मामला बलरामपुर जिले के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी और परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण और कुछ अज्ञात अफसरों और आपूर्तिकर्ताओं पर भी दर्ज किया गया।

तीसरा मामला गोंडा के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के खिलाफ है। मनरेगा घोटाले के दायरे में करीब 36 वरिष्ठ अधिकारियों के नाम चिह्नित हैं।

इस जांच में संबंधित जिलों में डीएम रहे मधुकर द्विवेदी, रमाकांत शुक्ला, पंधारी यादव, सीडीओ रहे विजय प्रताप सिंह, जसवंत सिंह, भगेलू राम, राजेन्द्र कुमार, तेजभान सिंह, जेबी सिंह, राजबहादुर समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की जा सकती है। इनमें कई अफसर सेवानिवृत्त हो गए हैं।

ईडी ने सार्वजनिक नहीं किए नाम

ईडी ने मनरेगा घोटाले में इलाहाबाद क्षेत्रीय उप कार्यालय में मनी लांड्रिंग के तहत आठ मुकदमे दर्ज करने की जानकारी तो साझा की, पर आरोपियों का नाम बताने से इन्कार कर दिया। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यूपी सरकार के विभिन्न श्रेणी के अफसरों के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है।


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