नेताओं का कालाधन सफेद करने वाला सीए गिरफ्तार
आशंका है कि राजेश अग्रवाल पिछले कई सालों से बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों का कालाधन सफेद करने का काम करता रहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बेनामी संपत्ति के मामले में राजद प्रमुख लालू यादव के परिवार पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। बेनामी संपत्ति से जुड़े ठिकानों पर आयकर विभाग के छापे के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने लालू यादव की बेटी व राजद सांसद मीसा भारती से जुड़ी कंपनी के लिए कालेधन को सफेद करने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया है। अग्रवाल पर फर्जी कंपनियों के मार्फत आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का कालाधन सफेद करने का आरोप है।
वैसे ईडी ने साफ कर दिया है कि राजेश अग्रवाल की गिरफ्तारी मीसा भारती के मामले को लेकर नहीं हुई है। उसकी गिरफ्तारी जैन बंधुओं (एसके जैन और बीके जैन) के लिए कालेधन को सफेद करने के आरोप में हुई है। लेकिन ईडी ने साफ कर दिया है कि राजेश अग्रवाल ने अभी तक जितने भी कालेधन को सफेद किया है, सभी उसकी जांच के दायरे में है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजेश अग्रवाल के पास मिशेल पैकर्स एंड प्रिंटर्स के लिए कालेधन को सफेद करने के सबूत मिले हैं। यह कंपनी मीसा भारती से जुड़ी बताई जाती है। आशंका है कि राजेश अग्रवाल पिछले कई सालों से बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों का कालाधन सफेद करने का काम करता रहा है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कालेधन को सफेद करने के लिए राजेश अग्रवाल ने फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल करता था। अब तक ऐसी 90 फर्जी कंपनियों की पहचान की जा चुकी है। इन कंपनियों के सहारे सिर्फ 2009-10 के बीच एक साल में राजेश अग्रवाल ने 39 करोड़ रुपये के कालेधन को सफेद किया था। राजेश अग्रवाल का नाम उस समय सामने आया जब ईडी ने जैन बंधुओं के बारे में कालेधन को सफेद करने और उस पैसे दिल्ली और एनसीआर में करोड़ों की संपत्ति खरीदने का पता चला। जांच के दौरान पता चला कि जैन बंधुओं ने राजेश अग्रवाल की सहायता से अपनी 1.12 करोड़ रुपये के कालेधन को सफेद बनाया था और इससे एनसीआर में जमीन खरीदी थी। ईडी जैन बंधुओं को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और उसकी जमीन को भी जब्त कर चुकी है। बाद में ईडी को जैन बंधुओं के पास जो दस्तावेज मिले, उससे साबित हुआ कि राजेश अग्रवाल के मार्फत कई अन्य लोगों को लगभग 60 करोड़ रुपये का कालाधन सफेद करा चुका है।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजेश अग्रवाल और जैन बंधु बिचौलियों के माध्यम से राजनेताओं और नौकरशाहों से संपर्क करते थे और कमीशन के बदले में उनकी कालेधन की कमाई को फर्जी कंपनियों के मार्फत सफेद कर देते थे। माना जा रहा है कि राजेश अग्रवाल अब तक आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक का कालाधन सफेद कर चुका है। लेकिन वह किसी का नाम नहीं बता रहा है। गिरफ्तारी के बाद ईडी बुधवार को अदालत से रिमांड पर लेने की कोशिश करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हिरासत में लेने के बाद राजेश अग्रवाल से सच उगलवाने की कोशिश होगी।
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