चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण पार्टियों से की बात
इसके अलावा आयोग ने शनिवार को चुनाव प्रचार में राजनीतिक चर्चा के गिरते मापदंड का भी मुद्दा उठाया।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के साथ बातचीत में भड़काऊ भाषणों के मुद्दे को रखा। इसके अलावा आयोग ने शनिवार को चुनाव प्रचार में राजनीतिक चर्चा के गिरते मापदंड का भी मुद्दा उठाया।
यह बातचीत आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनजर की गई है। 4 अप्रैल से 16 मई के बीच असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। चुनाव आयोग यहां समाधान, सुविधा और सुगम जैसे आइटी अप्लीकेशन का इस्तेमाल करेगा। इससे चुनाव प्रक्रिया सहज, प्रभावी और पारदर्शी हो सकेगा।
बैठक में राजनीतिक दल भड़काऊ भाषण और गिरते मूल्यों पर सहमत हुए। लेकिन छह राष्ट्रीय पार्टियों और 49 क्षेत्रीय दलों ने प्रत्याशियों के लिए जमानत राशि बढ़ाने के सुझाव का विरोध किया। सरकारी भवनों से संचालित होने वाले दलों के लिए नो ड्यूज प्रमाण पत्र लेने का भी पार्टियों ने विरोध किया।
वर्तमान में प्रत्याशियों को विधानसभा चुनाव में 10,000 रुपये और लोकसभा चुनाव में 25,000 रुपये जमा कराना होता है। मतदान में कुल पड़े मतों का छठा हिस्सा नहीं मिलने पर जमानत जब्त हो जाती है। विभिन्न मतदान केंद्रों से मिले मिश्रित मतों के लिए टोटलाइजर मशीन के इस्तेमाल पर भी मतैक्य नहीं हो पाया।