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भारत-नेपाल में फिर भूकंप के झटके, भारी बारिश से राहत कार्य में बाधा

भारत के बिहार, यूपी और असम तथा नेपाल में रविवार देर रात फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में घबरा कर लोग सार्वजनिक स्‍थानों पर इकट्ठे हो गए। इससे पहले नेपाल में भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव के लिए चलाए जा रहे हवाई अभियान को

By Sachin kEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 12:45 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2015 07:58 AM (IST)
भारत-नेपाल में फिर भूकंप के झटके, भारी बारिश से राहत कार्य में बाधा

नई दिल्ली। भारत के बिहार, यूपी और असम तथा नेपाल में रविवार देर रात फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में घबरा कर लोग सार्वजनिक स्थानों पर इकट्ठे हो गए। इससे पहले नेपाल में भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव के लिए चलाए जा रहे हवाई अभियान को खराब मौसम के कारण रोकना पड़ा। भारी बारिश और तूफान के कारण काठमांडू एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया है। भारत से राहत सामग्री लेकर जा रहे विमानों को वापस लौटना पड़ा है। इन विमानों को दिल्ली और इलाहाबाद एयरबेस पर लैंड कराया गया है। इसी बीच नेपाल में भूकंप से मरने वाालों की संख्या बढ़कर 2500 हो गई है।

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इससे पहले, राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक की जिसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली तथा सुष्मा स्वराज ने भाग लिया। बैठक में प्रधानमंत्री के सलाहकार अजित डोभाल के अतिरिक्त गृह, रक्षा और विदेश मंत्रालय के सचिव भी शामिल थे। प्रधानमंत्री ने नेपाल और भारत में चल रहे राहत और बचाव काय्र को और तेज किए जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों को जल्द से जल्द वापस लाए जाने की कोशिशों को और तेज करने को कहा।

विदेश सचिव एस जयशंकर ने नेपाल में चल रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। भारतीय वायु सेना के पांच विमानों को इस मिशन पर लगाया गया है। इसमें से एक विमान यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंच चुका है। उन्होंने बताया कि काठमांडू सक 35 बसों में भरकर उन्हें वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी बीच केंद्र सरकार ने मृतकों के आश्रितों को दी जाने वाली सहायता राशि दो लाख से बढ़ाकर 6 लाख कर दी है।

इससे पहले राहत और बचाव कार्य की निगरानी की कमान गृहमंत्री राजनाथ ने संभाल ली है। राजनाथ सिंह ने देश भर में चल रहे राहत कार्यों की भी समीक्षा की। राजनाथ ने यूपी और बिहार में मुख्यमंत्रियों से बात कर उन्हें नेपाल में फंसे लोगों को निकालने के लिए यातायात के साधनों को भेजने का निर्देश दिया। नेपाल में फंसे पर्यटकों की सहूलियत के लिए राजनाथ ने सीमा सुरक्षा बल को सीमा के आस पास राहत कैंप लगाने का निर्देश दिया।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों और नेपाल में रविवार अपरान्ह 12.39 बजे फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, असम और हरियाणा में भी झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.7 मापी गई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भूकंप की जानकारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में भूकंप पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मदद क्या की जा सकती है इस पर चर्चा की गई।

मौसम विभाग के फिर से भूकंप आने के अलर्ट के चलते दिल्ली में रोकी गई मेट्रो सेवा ट्रैक चेकिंग के बाद फिर से शुरू कर दी गई है, मगर अभी रफ्तार कम रखी गई है, लेकिन अभी कोलकाता में मेट्रो सेवा रुकी हुई है। कोलकाता में भी ट्रैक की चेकिंग के बाद बी मेट्रो सेवा शुरू हो पाएगी।

भूकंप से दहशत के मारे लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। चारों तरफ फिर से अफरातफरी का माहौल है। इससे पहले सुबह छह बजे के करीब नेपाल में फिर से भूकंप के कई जोरदार झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र काठमांडू से अस्सी किलोमीटर दूर कोडारी है। इस बीच, काठमांडू की फ्लाइट चार बजे तक रोक दी गई है। वहीं, काठमांडू में लैंडिंग नहीं होने पाने की वजह से विमान वापस दिल्ली लौट आया है।

सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भूकंप की दहशत के चलते कार्यक्रम को छोड़कर बाहर आ गए। बिहार के दरभंगा में भूकंप की दहशत से एक महिला की मौत हो गई, जबकि मधेपुर में एक दीवार गिर गई है, जिसके नीचे कई लोगों के दबे होने की आशंका है।

गौरतलब है कि शनिवार को इसी समय भारत औऱ नेपाल में आए भूकंप की वजह से अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।

पढ़ेंः नेपाल के बाद भूकंप का सर्वाधिक असर

नेपाल में फिर भूकंप के झटके


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