बंद के कारण नहीं मिल पा रही कश्मीर छात्रों को छात्रवृति
गृहमंत्रालय में ऐसे छात्रों की शिकायत बड़ी संख्या में मिल रही है और उनके लिए कोई रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है।
नीलू रंजन, ई दिल्ली। साढ़े तीन महीने से जारी बंद का सबसे बुरा असर कश्मीर के छात्रों पर पड़ रहा है। स्कूल-कॉलेज बंद होने से घाटी के छात्रों की पढ़ाई-लिखाई तो बंद है ही, देश के दूसरे हिस्से में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जम्मू-कश्मीर बैंक के बंद होने के कारण इन छात्रों को छात्रवृति की रकम तक नहीं मिल पा रही है। गृहमंत्रालय में ऐसे छात्रों की शिकायत बड़ी संख्या में मिल रही है और उनके लिए कोई रास्ता निकालने की कोशिश हो रही है।
दरअसल कश्मीर के बाहर विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं में हजारों की संख्या में कश्मीरी छात्र पढ़ते हैं। केंद्र सरकार की योजना के तहत इन छात्रों के लिए कालेज की फीस के साथ-साथ हास्टल का खर्च भी केंद्र सरकार वहन करती है। इनमें से बड़ी राशि संबंधित संस्थान के खाते में सीधे चली जाती है, लेकिन कुछ रकम छात्र के खाते में भी जाती है। इनमें कुछ राशि जम्मू-कश्मीर सरकार के मार्फत भी दी जाती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शैक्षिक संस्थाओं की फीस तो सीधे उनके खाते में भेजी जा रही है, लेकिन छात्रों को मिलने वाली छात्रवृति की रकम उनके खाते में नहीं जा पा रहा है।
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इसका कारण यह है कि अधिकांश छात्रों के खाते जम्मू-कश्मीर बैंक के हैं और बंद के कारण बैक भी साढ़े तीन महीने से बंद है। वहीं छात्रों की छात्रवृति का एक हिस्सा जम्मू-कश्मीर सरकार को केंद्र की ओर से भेजा जा चुका है। लेकिन बैंक बंद होने के कारण जम्मू-कश्मीर सरकार इसे छात्रों को जारी नहीं कर पा रही है। राज्य सरकार का सारा लेन-देन जम्मू-कश्मीर बैंक के मार्फत ही होता है।
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छात्रों की शिकायतों की दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं और सभी छात्रों को दूसरे बैंकों में खाता खोलने के लिए कह दिया गया है। जिन छात्रों ने दूसरे बैंकों में खाते खोल लिए हैं, उनमें छात्रवृति की रकम जानी शुरू हो गई है। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने अभी तक दूसरे बैंक में अपना खाता नहीं खोला है। शैक्षिक संस्थाओं को ऐसे छात्रों का खाता खोलने के लिए कहा गया है।