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स्टालिन के विद्रोही तेवर से द्रमुक में दरार

एमके स्टालिन के विद्रोही तेवर से द्रमुक में जारी कलह एकबार फिर से सतह पर आ गई है। उनके पिता और पार्टी सुप्रीमो करुणानिधि द्वारा महासचिव का चुनाव लड़ने की अनुमति न देने पर स्टालिन ने पार्टी कोषाध्यक्ष का पद छोड़ने की पेशकश तक कर डाली।

By Murari sharanEdited By: Published: Sun, 04 Jan 2015 07:35 PM (IST)Updated: Sun, 04 Jan 2015 09:20 PM (IST)
स्टालिन के विद्रोही तेवर से द्रमुक में दरार

चेन्नई। एमके स्टालिन के विद्रोही तेवर से द्रमुक में जारी कलह एकबार फिर से सतह पर आ गई है। उनके पिता और पार्टी सुप्रीमो करुणानिधि द्वारा महासचिव का चुनाव लड़ने की अनुमति न देने पर स्टालिन ने पार्टी कोषाध्यक्ष का पद छोड़ने की पेशकश तक कर डाली। हालांकि, उन्होंने इसे अफवाह करार दिया है।

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मीडिया रिपोर्टो में दावा किया गया है कि महासचिव पद का चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलने से नाराज स्टालिन ने कोषाध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी। वरिष्ठ नेता 92 वर्षीय के अंबझगन पार्टी के मौजूदा महासचिव हैं। स्टालिन ने इन खबरों का जोरदार खंडन किया है। रविवार को उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों ने दुर्भावनावश यह अफवाह फैलाई है।

पार्टी में भ्रम पैदा करने के लिए जानबूझकर यह सब किया गया।' स्टालिन ने साफ किया कि अंबझगन समेत जिला सचिवों ने उनसे पार्टी कोषाध्यक्ष पद से जुड़े दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने को कहा है। द्रमुक के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात के बाद कुछ लोगों ने निहित स्वार्थ को साधने के लिए इस अटकलबाजी को हवा दी। उन्होंने बताया कि पार्टी की हर रणनीति पर स्टालिन की स्पष्ट छाप दिखती है। ऐसे में उनके लिए पद कोई मायने नहीं रखता।

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