जब डीआरएम दफ्तर में जाम लड़ाते रंगे हाथ धरे गए सीओएस
आरपीएफ ने डीआरएम दफ्तर में शराब पीते सीओएस [मुख्य कार्यालय अधीक्षक] को रंगे हाथ दबोच लिया। इसके बाद दफ्तर में जमकर हंगामा हुआ। गुरुवार देर रात डीआरएम दफ्तर से जब सभी अधिकारी चले गए तो सीओएस कमलाकांत अन्य साथियों के साथ कार्यालय में ही दारू पार्टी शुरू कर दी।
मुरादाबाद। आरपीएफ ने डीआरएम दफ्तर में शराब पीते सीओएस [मुख्य कार्यालय अधीक्षक] को रंगे हाथ दबोच लिया। इसके बाद दफ्तर में जमकर हंगामा हुआ। गुरुवार देर रात डीआरएम दफ्तर से जब सभी अधिकारी चले गए तो सीओएस कमलाकांत अन्य साथियों के साथ कार्यालय में ही दारू पार्टी शुरू कर दी।
एक-दो पैक लगाने के बाद जब उन पर सुरूर चढ़ा तो आपस में तेज-तेज बातें शुरू कर दी। इस पर गेट पर तैनात आरपीएफ के एएसआइ विजय कुमार त्यागी मौके पर पहुंच गए। उनकों देखकर अन्य लोग तो भाग गए मगर सीओएस कमलाकांत फंस गए। दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। हंगामा होते देख अन्य कर्मचारी व आरपीएफ के जवान भी मौके पर पहुंच गए। इसके बाद आरोपी के तेवर ढीले पड़ गए।
इसके बाद आरपीएफ के एएसआइ ने पूरा घटनाक्रम रोजनामचे में दर्ज कर शुक्रवार को रेलवे अफसरों को प्रकरण की रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद सीनियर मंडल कार्मिक अधिकारी ने कमलाकांत को चार्जशीट सौंपकर जवाब तलब किया है।
बगैर मेडिकल परीक्षण के छोड़ दिया आरोपी
दारू पीते रंगे हाथ पकड़े जाने के बावजूद आरपीएफ ने आरोपी सीओएस को बगैर मेडिकल परीक्षण के ही छोड़ दिया। इसके चलते आरपीएफ की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। सीओएस कमलाकांत का अगले वर्ष जनवरी में रिटायरमेंट है। दफ्तर में दारू पीने जैसे गंभीर आरोप के बावजूद सीनियर डीपीओ ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के बजाए सिर्फ [एसएफ-11] मामूली आरोपपत्र सौंपकर कागजी खानापूर्ति कर मामले को दबाने का प्रयास किया है। इस संबंध में एडीआरएम हितेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि कार्यालय में दारू पीना गंभीर अपराध है, पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब की जा रही है।
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