दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए ड्राफ्ट तैयार : केजरीवाल
देश की राजधानी में लागू ऑड-इवेन फॉर्मूले की समाप्ति के बाद दिल्ली सरकार अब दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने को लेकर लोगों के बीच जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली । देश की राजधानी में लागू ऑड-इवेन फॉर्मूले की समाप्ति के बाद दिल्ली सरकार अब दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने को लेकर लोगों के बीच जाएंगे। इस बाबत लोगों से राय ली जाएगी। ऑड-इवेन की तरह विधानसभा स्तर पर विधायकों को दायित्व दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी को पूर्ण राज्य बनाने के लिए विधेयक का मसौदा तैयार है। उन्होंने शनिवार सुबह ट्वीट कर कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए विधेयक का मसौदा तैयार है। लोगों की टिप्पणियों और सुझाव के लिए इसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी (आप) सरकार का दावा है कि इससे उन्हें शहर में अपनी योजनाएं लागू करने में मदद मिलेगी। आप ने इसे अपने चुनावी घोषणापत्र में प्रमुखता से शामिल किया था। दिल्ली स्टेट बिल- 2016 जल्द ही पब्लिक रेफरेंडम के लिए वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। केजरीवाल सरकार अगले विधानसभा सत्र में बिल को विधानसभा में भी पेश करेगी। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार भाजपा और कांग्रेस से भी बिल शेयर करेगी और उनका सहयोग मांगेगी।
आसान नहीं है पूर्ण राज्य का दर्जा
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना आसान नहीं है। इसके लिए संसद की मंजूरी जरूरी है। पिछली संप्रग सरकार के दौरान भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात हुई थी। तब करीब 450 सांसदों ने तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मिलकर विरोध जताया था। मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भी यह मुद्दा उठाया था। दिल्ली को अभी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) का दर्जा मिला हुआ है। यह स्टेटस अनुच्छेद 239 के जरिये दिया गया है। अनुच्छेद 239 के मुताबिक, दिल्ली में एक सीमित अधिकार वाली विधानसभा होगी जिसे पुलिस, कानून एवं व्यवस्था और जमीन को छोड़कर दूसरे विषय पर कानून बनाने का अधिकार होगा।