डॉ. प्रणव पंड्या ने राज्यसभा की सदस्यता लेने से किया इन्कार
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या ने राज्यसभा की सदस्यता लेने से इन्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मेरा अंतर्मन इजाजत नहीं देर रहा था। मैं अपनी बात नहीं कह पाता जो मेरे चरणों के बीच बैठे रहते हैं।
हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के प्रमुख एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुखिया डॉ. प्रणव पंड्या ने राज्यसभा की सदस्यता लेने से इन्कार कर दिया है। राष्ट्रपति की ओर से उन्हें चार मई को राज्यसभा के लिए नामित किया गया था। लेकिन, डॉ. पंड्या ने इसके एक दिन बाद ही शुक्रवार सुबह करीब दस बजे राष्ट्रपति भवन को पत्र भेजकर अपने निर्णय से अवगत करा दिया। कहा कि उनका यह निर्णय अंतिम है और इस पर पुनर्विचार की कोई संभावना नहीं। डॉ. पंड्या को नौ मई को बतौर राज्यसभा सदस्य शपथ लेनी थी।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने शुक्रवार को 'दैनिक जागरण' से बातचीत में उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किए जाने पर सभी का आभार जताया। कहा कि उनका अंतर्मन इसके लिए गवाही नहीं दे रहा था और उन्हें कहीं न कहीं से बंधन नजर आ रहा था। साथ ही विश्वभर में फैले गायत्री परिवार के करोड़ों सदस्यों का आग्रह भी उनसे यह पद स्वीकार न करने का था।
गायत्री परिवार सदस्यों का मानना है कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुखिया एवं गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के प्रमुख को किसी दायरे में नहीं बंधना चाहिए। यही वजह रही कि समय रहते उन्होंने गायत्री परिवार के सदस्यों और अंतर्मन की बात को स्वीकार करते हुए यह फैसला लिया।
डॉ. पंड्या ने कहा कि उनके राज्यसभा के लिए शपथ लेने की तिथि नौ मई नियत थी, सो उन्होंने जल्द से जल्द सरकार को अपने निर्णय से अवगत करा दिया। ताकि सरकार समय रहते अन्य किसी योग्य व्यक्ति को राज्यसभा भेज सके। कहा कि गायत्री परिवार के सदस्यों से उनका बेहद लगाव है और वे सभी उनका बेहद सम्मान करते हैं। इसलिए उनका निर्णय अंतिम है और इस पर पुनर्विचार की कोई संभावना नहीं।
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