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नालंदाः DPS स्कूल डायरेक्टर हत्याकांड में थाना प्रभारी सस्पेंड

बिहार में ग्रामीणों की पिटाई से डीपीएस (देवेंद्र प्रसाद सिन्हा) स्कूल के डायरेक्ट की मौत मामले में एसओ (थाना प्रभारी) को सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा है। जब स्कूल डायरेक्टर को ग्रमीण पीट रहे थे उस वक्त पुलिस वाले मूकदर्शक बने रहे।

By Pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2015 04:09 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 05:21 PM (IST)
नालंदाः DPS स्कूल डायरेक्टर हत्याकांड में थाना प्रभारी सस्पेंड

नालंदा। बिहार में ग्रामीणों की पिटाई से डीपीएस (देवेंद्र प्रसाद सिन्हा) स्कूल के डायरेक्ट की मौत मामले में एसओ (थाना प्रभारी) को सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगा है। जब स्कूल डायरेक्टर को ग्रमीण पीट रहे थे उस वक्त पुलिस वाले मूकदर्शक बने रहे। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये बात भी सामने आई कि दोनों छात्रों की मौत पानी में डूबने से हुई।

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पानी में डूबने से हुई छात्रों की मौत

नालंदा पिटाई मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि दोनों छात्रों की मौत पानी में डूबने से हुई है। उनके शरीर पर किसी तरह के बाहरी चोट का निशान नहीं हैं। जबकि इस मामले में तालाब से छात्रों की लाश मिलने की वजह से लोगों ने डायरेक्टर की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।

डीएम, एसपी की गाड़ी पर भीड़ का हमला

नालंदा में हंगामा और रेल-सड़क मार्ग जाम करने की सूचना पर पहुंचे अधिकारियों को लोगों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया तो प्रदर्शन कर रहे लोग हिंसक हो गए। बवाल बढ़ते ही पथराव शुरू कर दिया। उग्र भीड़ को देखते हुए अधिकारी मौके से भाग गए।

PhotoGallery: नालंदा में स्कूल निदेशक की पीट-पीट कर हत्या

डीआइजी सेंट्रल रेंज को सौंपी गई जांच

घटना की जांच के लिए डीआइजी सेन्ट्रल रेंज शालीन को नियुक्त किया गया है। एडीजी (मुख्यालय) ने जांच तक उनको घटनास्थल पर कैम्प करने का निर्देश दिया है। हत्या में शामिल दस लोगों को वीडियो फुटेज के आधार पर चिन्हित किया गया है। इनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। बवाल बढ़ने की सूचना पर मुख्यालय के आदेश पर घटनास्थल पर बड़ी संख्या में फोर्स भेजी जा रही है।

नालंदा पहुंचा डायरेक्टर का शव

उधर मृत डायरेक्टर का शव आज नालंदा लााया गया, जहां घटना से गुस्साए स्थानीय लोगों ने बेहद नाराजगी जाहिर की और रेल व सड़क मार्ग जाम कर दिया। स्थानीय लोगों ने आरोपियों को पकड़ने की मांग की है। बवाल की सूचना मिलने के बाद घटनास्थल पर डीएम और एसएसपी भी पहुंच गए हैं।

थानाध्यक्ष पर गिरी गाज

घटना में नालंदा थानाध्यक्ष सुनील कुमार निर्झर की लापरवाही सामने आने पर एसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही घटना में शामिल ग्रामीणों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। मौके पर लिए गए फोटो और वीडियो के जरिए आरोपियों की शिनाख्त की कोशिश की जा रही है। मृतक के परिजन पूरी घटना की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं।

ये है पोस्टमार्टम रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, 12 साल के राहुल और 9 साल के सागर की मौत पानी में डूबने से हुई है। बच्चों के शरीर पर किसी बाहरी चोट का निशान नहीं है। हालांकि, सागर की आंख के पास हल्की चोट के निशान हैं, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तालाब में कूदने के क्रम में लगी चोट से हो सकता है।

ग्रामीणों का डायरेक्टर पर आरोप

पुलिस सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट से स्पष्ट है कि बच्चों की मौत पानी में डूबने की वजह से हुई है, जबकि गांव वालों ने मामले में नया मोड़ देते हुए इसे डायरेक्टर की पिटाई का केस बना दिया। गांव वालों ने आरोप लगाया कि डायरेक्टर का एक महिला से संबंध था और दोनों बच्चे इस बात को जानते थे। लिहाजा, डायरेक्टर से सच को छुपाने के लिए पीट-पीटकर दोनों बच्चों की हत्या कर दी।


ये है मामला

राजगीर थाना क्षेत्र के लहुआर गांव निवासी श्यामकिशोर प्रसाद के 10 वर्षीय पुत्र सागर कुमार और पचवारा गांव निवासी मनोहर प्रसाद के 11 वर्षीय पुत्र रवि कुमार के शव मिलने के बाद लोग उपद्रव पर उतर आए। दोनों बच्चे नीरपुर गांव स्थित स्कूल के छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। विद्यालय से कुछ ही दूरी पर दोनों के शव सड़क किनारे गड्ढे में मिले।

रविवार को नालंदा थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव में डीपीएस (देवेंद्र प्रसाद सिन्हा) स्कूल के छात्रावास के दो बच्चों के शव पास के तलाब में मिलने के बाद ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा था। ग्रामीणों ने स्कूल में जमकर तोडफ़ोड़ करने के बाद आग लगा दी और दो वाहनों को फूंक दिया।

इस बीच स्कूल के निदेशक देवेंद्र प्रसाद सिन्हा आ गए तो लोगों ने उन्हें लाठी-डंडे से पीटना शुरू कर दिया। भीड़ ने उनकी एक आंख निकाल ली।यह सब पुलिस की उपस्थिति में हुआ और वह बहुत देर तक मूकदर्शक बनी रही।

बाद में पुलिस ने किसी तरह उन्हें बचाकर सदर अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने गंभीर हालत देख उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने स्कूल प्रबंधन पर दोनों बच्चों की हत्या का आरोप लगाया है।

मूकदर्शक बनी रही पुलिस

सूचना पर पहुंचे पुलिस बल ने जब ग्रामीणों को रोकने का प्रयास किया, तो पथराव शुरू कर दिया गया। भीड़ की उग्रता के आगे पुलिस मूकदर्शक बनी रही। भीड़ स्कूल में उत्पात मचाती रही। स्कूल और वाहनों में आग पर काबू के लिए पहुंचे अग्निशमन वाहन को भीड़ ने वापस कर दिया।

ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से दोनों बच्चों की हत्या हुई है। छात्रावास के दो अन्य बच्चों के गायब होने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। डीएसपी (विधि-व्यवस्था) संजय कुमार ने बताया कि मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। छात्रों के परिजनों के बयान पर मामला दर्ज किया गया है।

घटना को गंभीर बताते हुए डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि वे इसकी जांच गहराई से कराएंगे। जांच में दोषी पाए गए लोगों को कार्रवाई की जाएगी।


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