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प्रधानमंत्री को सीधे शिकायत न भेजे सरकारी कर्मचारी

नई दिल्ली। अब प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] को सीधे अपनी शिकायतें भेजने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, प्रधानमंत्री कार्यालय पर आने वाली सरकारी कर्मचारियों की शिकायतों के ढेर से आजिज केंद्र सरकार ने अधिकारियों को चेतावनी जारी की है। अधिकारी उचित माध्यमों की अनदेखी कर शिकायतों को उच्च पदस्थ अधिकारियों के पास भेज रहे हैं। सरकार ने उनसे अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए अन्य माध्यमों का अनुसरण करने को कहा है।

By Edited By: Published: Wed, 12 Jun 2013 06:31 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2013 06:39 PM (IST)
प्रधानमंत्री को सीधे शिकायत न भेजे सरकारी कर्मचारी

नई दिल्ली। अब प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] को सीधे अपनी शिकायतें भेजने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, प्रधानमंत्री कार्यालय पर आने वाली सरकारी कर्मचारियों की शिकायतों के ढेर से आजिज केंद्र सरकार ने अधिकारियों को चेतावनी जारी की है। अधिकारी उचित माध्यमों की अनदेखी कर शिकायतों को उच्च पदस्थ अधिकारियों के पास भेज रहे हैं। सरकार ने उनसे अपनी शिकायतों के निपटारे के लिए अन्य माध्यमों का अनुसरण करने को कहा है।

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कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग [डीओपीटी] द्वारा जारी सख्त निर्देश में कहा गया है कि प्रधानमंत्री, मंत्रियों या सचिव स्तर के अधिकारियों को सीधे शिकायत भेजने वाले केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें कहा गया है कि विभाग को सरकारी कर्मचारियों की ओर से पीएमओ, सचिव [कार्मिक] और अन्य अधिकारियों को संबोधित नौकरी से संबंधित ढेरों शिकायतें मिल रही हैं।

निर्देश में कहा गया है कि सेवा से जुड़ी स्थिति या कोई अन्य संबंद्ध मामला हो, कोई सरकारी कर्मचारी कोई दावा करना चाहता हो या अपनी शिकायत का निपटारा चाहता हो तो इसका उचित तरीका अपने उच्च अधिकारी या ऑफिस के प्रमुख या सक्षम अधिकारी को अवगत कराए। निर्देश में 60 साल से भी ज्यादा पुराने सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया गया है। यह निर्देश हाल ही में केंद्र सरकार के सभी विभागों को जारी किया गया है।

डीओपीटी ने कहा कि विभिन्न स्तर पर अधिकारियों के बीच निर्धारित माध्यमों की अनदेखी कर शिकायतों को उच्च अधिकारियों के पास भेजने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। यह समस्या बड़े विभागों में ज्यादा गंभीर है, जहां ‌र्क्लक स्तर के कनिष्ठ कर्मचारी अक्सर विभिन्न मामलों को मंत्री, प्रधानमंत्री और अन्य पदाधिकारियों के पास भेज देते हैं। सर्विस यूनियन के बीच भी व्यक्ति विशेष की शिकायतों को सीधे मंत्रियों या प्रधानमंत्रियों के पास भेजने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।

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