दीपावली पर 95 वर्ष बाद विशेष संयोग
मां लक्ष्मी की कृपा पाने और जगमग दीपों का पर्व दीपावली बृहस्पतिवार को विभिन्न मुहूर्त में पड़ रहा है। 95 वर्ष बाद ऐसा मुहूर्त बना है, जब दीपावली बृहस्पतिवार के दिन पड़ रही है। ये भगवान विष्णु का दिन भी माना गया है। इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा तो बरसेगी ही। साथ ही, भगवान विष्णु का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। मां लक्ष्मी की कृपा पाने और जगमग दीपों का पर्व दीपावली बृहस्पतिवार को विभिन्न मुहूर्त में पड़ रहा है। 95 वर्ष बाद ऐसा मुहूर्त बना है, जब दीपावली बृहस्पतिवार के दिन पड़ रही है। ये भगवान विष्णु का दिन भी माना गया है। इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा तो बरसेगी ही। साथ ही, भगवान विष्णु का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा।
इस दिन बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क में रहेंगे, जिससे पर्व और भी फलदायक होगा। दीपावली के दिन सूर्य, शनि, चंद्रमा व शुक्र यह तीनों तुला राशि में विचरण करेंगे। घरों में लक्ष्मी पूजन का समय शाम पांच बज कर 18 मिनट से रात आठ बजकर पचास मिनट तक है।
दीवाली पर पूजन के कई मुहूर्त हैं। व्यापारियों के लिए दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से शाम तीन बजकर 55 मिनट में पूजा का विशेष मुहुर्त है। घरों में पूजन का समय शाम को ही है। फिर भी इस बार दीपावली की पूजा का समय हर साल से पहले का ही है। इस बार गणेश-लक्ष्मी जी के साथ विष्णु जी की पूजा का भी महत्व है।
16 से कम न जलाएं:
दीपक लक्ष्मी पूजन के दौरान 16 से कम दीये न जलाए। इन दीयों को उन स्थानों पर अवश्य रखें, जहां अंधेरा अधिक है या आना-जाना बहुधा होता है। दीयों का प्रकाश नकारात्मक ऊर्जा दूर करता है।