नेहरू संग्रहालय में बदलाव के प्रस्ताव पर भड़का विवाद
नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय में प्रस्तावित बदलाव को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। देश के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों ने नेहरू संग्रहालय में किसी तरह के बदलाव से पहले उस पर सार्वजनिक बहस की मांग की है। इन लोगों का कहना है कि सरकार के एक वर्ग की गैर जवाबदेह
नई दिल्ली । नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय में प्रस्तावित बदलाव को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। देश के प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों ने नेहरू संग्रहालय में किसी तरह के बदलाव से पहले उस पर सार्वजनिक बहस की मांग की है। इन लोगों का कहना है कि सरकार के एक वर्ग की गैर जवाबदेह बयानबाजी ने नेहरू संग्रहालय की भूमिका और प्रतिष्ठा को खतरे में डाल दिया है। पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी, जाने-माने लेखक व फिल्मकार गिरीश कर्नाड, प्रतिष्ठित इतिहासकार रोमिला थापर और शोध छात्रा अनन्या वाजपेयी ने शनिवार को एक बयान जारी कर सरकार को आगाह किया कि यह एक सार्वजनिक संपत्ति है।
इसे स्वायत्त संस्थान बताते हुए इन बुद्धिजीवियों ने कहा कि यह सभी भारतीयों के लिए खुला है। यह किसी राजनीतिक दल, सरकार, वैचारिक गुट या मंत्रालय की जागीर नहीं है। इसलिए तीन मूर्ति पुस्तकालय के आवश्यक कामकाज, इसकी स्थिति या स्वायत्तता के साथ किसी हाल में छेड़छाड़ नहीं किया जाना चाहिए।
बयान में कहा गया है कि उच्च शिक्षा के एक महत्वपूर्ण संस्थान में रद्दोबदल से पहले इस पर इतिहासकारों,शिक्षाविदों और सांस्कृतिक नीति नियंताओं के बीच सार्वजनिक बहस जरूरी है। पुस्तकालय और संग्रहालय वामपंथ व दक्षिणपंथ के मतभेदों से परे है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने हाल में ही कहा था कि सरकार गांधी स्मृति, ललित कला अकादमी और नेहरू संग्रहालय सहित 39 संस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए इसमें सुधार करने की योजना बना रही है।