Move to Jagran APP

व्यापमं घोटाले की सीबीआइ जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं

कांग्रेस महासचिव और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यापमं घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की। साथ ही हाईकोर्ट के उस आदेश को भी चुनौती दी, जिसमें एक्सल शीट से छेड़छाड़ के आरोपों

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2015 05:54 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 10:09 PM (IST)
व्यापमं घोटाले की सीबीआइ जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यापमं घोटाले की सीबीआइ जांच की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की। साथ ही हाईकोर्ट के उस आदेश को भी चुनौती दी, जिसमें एक्सल शीट से छेड़छाड़ के आरोपों को कोर्ट ने नकार दिया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में ही व्यापमं घोटाले से जुड़ी दो और याचिकाएं दाखिल की गईं। एक याचिका व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय और दूसरी याचिका सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने दाखिल की है। इनमें भी घोटाले के आरोपियों की मौत की सीबीआइ जांच कराने और मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ जांच की मांग की गई है।

loksabha election banner

दिग्विजय सिंह ने सोमवार को पत्रकारों को बताया हाईकोर्ट ने जिस एक्सल शीट को गलत बताया है, उसकी जांच भी किसी दूसरी एजेंसी से कराने की मांग याचिका में की गई है। घोटाला दिनोंदिन उलझता ही जा रहा है। अब तक 24 आरोपियों और गवाहों की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो चुकी है। कुछ रिपोट्र्स में इनकी संख्या 40 तक बताई जा रही है।

उन्होंने दावा किया कि मौजूदा समय में मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस की एसआइटी ने घोटाले की व्यापकता को देखते हुए जांच में 'बेबसी' व्यक्त की है। इसमें कथित तौर पर पुलिस और सिविल सर्विसेज के वरिष्ठ अफसरों के साथ ही भाजपा और संघ के नेता भी शामिल हैं। दिग्विजय सिंह की ओर से यह याचिका वकील राखी राय ने दाखिल की है। उधर इस मामले में भाजपा के मप्र प्रभारी डा. विनय सहस्त्रबुद्धे ने नईदुनिया से कहा कि व्यापमं मुद्दा व्यापक तो है लेकिन इसमें सरकार की निष्ठा कतई दागदार नहीं है क्योंकि इसका खुलासा सरकार ने ही किया है। हमने इस मामले में नाम आने पर अपने मंत्री तक को जेल भेज दिया। आरोपियों की मौतें स्वाभाविक हुई या किन्हीं दूसरे कारणों से यह जांच का विषय है।

सीबीआइ जांच की मांग अनुचित

व्यापमं घोटाले के अभियुक्तों और गवाहों की हो रही लगातार मौतों पर घिरी मध्यप्रदेश भाजपा के महासचिव और प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक समाचार पत्र से बातचीत में कहा कि इन मौतों की जांच अदालत की निगरानी में होनी चाहिए।

विजयवर्गीय ने इस घोटाले से जुड़े कई लोगों की रहस्यमयी मौत की सीबीआइ जांच की मांग को अनुचित बताया। उन्होंने कहा कि चूंकि इस घोटाले की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में स्पेशल इनवेस्टिगेटिव टीम (एसआइटी) कर रही है। लिहाजा मौतों को पूरी जांच का एक पहलू बनाया जा सकता है।

विजयवर्गीय के मुताबिक, यह भी जांच का एक बिंदु हो सकता है। जिन लोगों को जबरन इस घोटाले में खींचा गया, वे डिप्रेशन में थे और कुछ मौतों की एक वजह यह भी हो सकती है।

भाजपा महासचिव का कहना है, कि मैं कुछ ऐसे लोगों को जानता हूं, जिन्हें जबरदस्ती इसमें शामिल कर दिया गया और वे इस तरह के घोटाले में शामिल होने का दबाव नहीं झेल सके। जो भी हो, इस मामले में बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं और जांच और इसके नतीजों से कोई समझौता नहीं हो, इसके लिए मैंने सलाह दी है कि कोर्ट इस मामले को देख सकता है।

गौरतलब है कि व्यापम घोटाले के अभियुक्त नरेंद्र तोमर की रविवार को इंदौर जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनकी उम्र 29 साल थी। करोड़ों के इस घोटाले में यह 24वीं मौत थी। मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में बांदा से डाक्टर गिरफ्तार

नरेन्द्र का शव पहुंचा पोरसा, सीबीआइ जांच की मांग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.