Move to Jagran APP

रॉबर्ट वाड्रा ने अवैध रूप से कमाया 50.5 करोड़ रुपये का मुनाफा: ढ़ींगरा आयोग

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद ने अवैध रूप से एक लैंड डील से 50.5 करोड़ का मुनाफा हासिल किया था।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 10:08 AM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 10:08 AM (IST)
रॉबर्ट वाड्रा ने अवैध रूप से कमाया 50.5 करोड़ रुपये का मुनाफा: ढ़ींगरा आयोग
रॉबर्ट वाड्रा ने अवैध रूप से कमाया 50.5 करोड़ रुपये का मुनाफा: ढ़ींगरा आयोग

नई दिल्ली (जेएनएन)। हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा 2015 में गठित किए गए ढींगरा आयोग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने साल 2008 में हरियाणा में एक लैंड डील से अवैध रूप से 50.5 करोड़ रुपये का मुनाफा बनाया था, जबकि उस डील में उनका एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ था। 

loksabha election banner

अंग्रेजी अखबार इकॉनोमिक टाइम्स के अनुसार, वाड्रा की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सांठगांठ की गई थी। ढींगरा आयोग को गुड़गांव के चार गांवों में लैंड यूज बदलने के लिए लाइसेंस दिए जाने की जांच करने को कहा गया था। इसमें वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए लाइसेंस की जांच भी शामिल थी। आयोग ने 31 अगस्त, 2016 को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। आयोग की रिपोर्ट को राज्य सरकार ने सीलबंद लिफाफे में पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया था।

ईटी के सवालों का एक ई-मेल में जवाब देते हुए वाड्रा और स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के वकील सुमन खेतान ने कहा कि वाड्रा और स्काईलाइट ने कोई गलत कार्य नहीं किया था और किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया था। उन्होंने यह भी कहा कि जमीन की पूरी कीमत बाजार मूल्य के हिसाब से चुकता की गयी है और इसका आयकर भी दिया गया है।

 हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडडा ने ढींगरा आयोग के गठन को संवैधानिक चुनौती दी थी। हुड्डा ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर आरोप लगाया था कि हरियाणा सरकार के कुछ अधिकारियों ने ढींगरा आयोग की रिपोर्ट को लीक कर दिया हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार ने आश्वासन रिकॉर्ड किया है कि रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की जाएगी। मामले की जानकारी देने वालों का कहना है कि हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने आयोग के सामने गवाही दी थी। उन्होंने स्काईलाइट की रियल एस्टेट संबंधी क्षमताओं पर सवालों के संदर्भ में गवाही दी थी। अधिकारी ने कहा था कि वाड्रा एक अतिविशिष्ट व्यक्ति हैं और इस नाते के पास कॉलोनी बनाने की परी क्षमता है। 

इकॉनोमिक टाइम्स के मुताबिक, ढींगरा रिपोर्ट में 20 से ज्यादा प्रॉपर्टीज की जानकारी दी गई है, जो वाड्रा और उनकी कंपनियों ने खरीदी थीं। इनमें से एक प्रॉपर्टी वाड्रा की स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदा था। बाद में इसके लैंड यूज में बदलाव कर इसे डीएलएफ को बेच दिया गया और इस तरह 50.5 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया गया। आयोग  ने शंका जाहिर की है कि इस प्रॉफिट से दूसरी जमीन खरीदी गयी। ईटी के मुताबिक कई लैंड डील्स की समीक्षा करने के बाद रिपोर्ट में यह सिफारिश भी की गई है कि तत्कालीन हुड्डा सरकार द्गवारा जारी किए गए लैंड यूज लाइसेंसों का किसी स्वतंत्र एजेंसी से ऑडिट कराया जाए और अवैध तरीके से दिए गए लाइसेंसों को निरस्त किया जाए। 

अपने सूत्रों के हवाले से ईटी ने बताया कि ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज की ओर से स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के पक्ष में डील होने के बाद वाड्रा की कंपनी ने केवल उनके नाम के आधार पर 50.5 करोड़ रुपये बनाए और इस पर कोई पैसा खर्च नहीं हुआ।

यह भी पढ़ें: मेरी संपत्ति से मेरे पति का कोई लेना-देना नहीं: प्रियंका गांधी

यह भी पढ़ें: पूर्व सीएम हुड्डा ने दायर की याचिका, ढींगरा आयोग की रिपोर्ट लीक करने का आरोप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.