एयर इंडिया के 130 पायलट और 430 क्रू मेंबर्स को हटा सकता है डीजीसीए
डीजीसीए के सुरक्षा मानकों के अनुसार उड़ान से पहले व बाद में पायलट व केबिन मेंबर्स को इस आशय का परीक्षण कराना जरूरी होता है।
मुंबई, प्रेट्र। एयर इंडिया के 130 पायलट और 430 क्रू मेंबर्स पर गाज गिर सकती है। ये लोग अल्कोहल टेस्ट कराने से आनाकानी कर रहे हैं। इसी बात को लेकर डीजीसीए (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) बेहद नाराज है और उन पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
दरअसल, डीजीसीए के सुरक्षा मानकों के अनुसार उड़ान से पहले व बाद में पायलट व क्रू मेंबर्स को अल्कोहल टेस्ट कराना जरूरी होता है। इसमें संबंधित व्यक्ति की सांस को लेकर जांच की जाती है। नियम कहते हैं कि उड़ान से 12 घंटे पहले तक शराब का सेवन प्रतिबंधित है। डीजीसीए ने इस बारे में एयर इंडिया के प्रबंधन को अवगत करा दिया है।
सूत्रों का कहना है कि अथॉरिटी अब बेहद गुस्से में है और कार्रवाई करने के मूड में है। इन कर्मियों को काम से अलग भी किया जा सकता है। हालांकि, इतने सारे कर्मियों पर एक साथ कार्यवाही से एयर इंडिया की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है, लिहाजा डीजीसीए चरणबद्ध तरीके से इन पर गाज गिराने के मूड में है। इससे पहले फरवरी में एयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक अरविंद कठपलिया का लाइसेंस भी रद कर दिया गया था। वह भी अपनी सांस की जांच कराने से लगातार बच रहे थे। आंतरिक जांच में उन्हें दोषी पाया गया, जिसके बाद तीन माह के लिए उनका लाइसेंस रद कर दिया गया।
नियम कहते हैं कि इस तरह की प्रक्रिया से मना करने वाले को चार सप्ताह तक ड्यूटी से हटाया जा सकता है। उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू की जानी होती है। विभिन्न विमान कंपनियों के 224 पायलट व अन्य स्टाफ 2016 में सांस की जांच के दौरान अयोग्य साबित हुए थे। 2015 में इनकी तादाद 202 थी।
पायलटों की कमी की वजह से एक साल का नोटिस
नई दिल्ली, प्रेट्र: डीजीसीए ने निर्णय लिया है कि अगर पायलटों को नौकरी छोड़नी है तो एक साल पहले नोटिस देना होगा। नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू का कहना है कि ऐसा करने के पीछे पायलटों की कमी है। उल्लेखनीय है कि सहायक स्टाफ को नौकरी छोड़ने से पहले छह माह का नोटिस देना अनिवार्य है। इस निर्णय को अदालत में चुनौती पहले ही दी जा चुकी है। उधर, एयर इंडिया की तरफ से जारी वक्तव्य में बताया गया कि डीजीसीए के मानकों का पालन किया जा रहा है।
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