Move to Jagran APP

याकूब की फांसी के विरोध में नहीं है डिप्टी रजिस्ट्रार का इस्तीफा

अल्पकालिक प्रतिनियुक्ति पर आए सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार (रिसर्च) अनूप सुरेंद्रनाथ ने याकूब की फांसी के विरोध में इस्तीफा नहीं दिया है। बल्कि वे पहले से ही नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के अपने मूल कैडर में वापस जाना चाहते थे।

By Murari sharanEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2015 08:36 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2015 09:12 PM (IST)
याकूब की फांसी के विरोध में नहीं है डिप्टी रजिस्ट्रार का इस्तीफा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अल्पकालिक प्रतिनियुक्ति पर आए सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार (रिसर्च) अनूप सुरेंद्रनाथ ने याकूब की फांसी के विरोध में इस्तीफा नहीं दिया है। बल्कि वे पहले से ही नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के अपने मूल कैडर में वापस जाना चाहते थे।

loksabha election banner

इस्तीफे में अनूप ने कहीं भी याकूब के मामले का जिक्र नहीं किया है बल्कि सुप्रीम कोर्ट में काम करने का मौका मिलने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अनूप के इस्तीफे के बारे में आई भ्रामक खबरों पर नाराजगी जताते हुए रविवार को इस्तीफे की चिट्ठी जारी करके स्थिति साफ की है।

सुरेंद्रनाथ का अनुबंध खत्म होने वाला था। उन्होंने रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम जारी रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मूल कैडर में वापस भेजे जाने की इच्छा जताई थी और इसी क्रम में उन्होंने गत 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के पद से इस्तीफा दिया था।

हालांकि इसके विपरीत सुरेंद्रनाथ ने सोशल साइट पर याकूब की फांसी के बारे में 24 घंटे के बीच आए सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों पर विपरीत टिप्पणी की। इस्तीफा और सोशल साइट पर की गई टिप्पणी से मीडिया में भ्रम फैला। सोशल साइट पर की गई टिप्पणी के आधार पर मीडिया में खबरें आईं कि डिप्टी रजिस्ट्रार ने याकूब की फांसी के विरोध में इस्तीफा दिया है।

हालांकि दैनिक जागरण ने अपनी खबर में छापा था कि सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि अनूप ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है और उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया है। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली में काम करने वाले अनूप डेथ पेनाल्टी रिसर्चं प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।

यूनिवर्सिटी की इस डेथ पेनाल्टी लिटीगेशन क्लीनिक ने भी याकूब के डेथ वारंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की थी और इनकी ओर से वरिष्ठ वकील टीआर अधिअर्जुना ने सुप्रीम कोर्ट में बहस भी की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.