याकूब की फांसी के विरोध में नहीं है डिप्टी रजिस्ट्रार का इस्तीफा
अल्पकालिक प्रतिनियुक्ति पर आए सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार (रिसर्च) अनूप सुरेंद्रनाथ ने याकूब की फांसी के विरोध में इस्तीफा नहीं दिया है। बल्कि वे पहले से ही नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के अपने मूल कैडर में वापस जाना चाहते थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अल्पकालिक प्रतिनियुक्ति पर आए सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार (रिसर्च) अनूप सुरेंद्रनाथ ने याकूब की फांसी के विरोध में इस्तीफा नहीं दिया है। बल्कि वे पहले से ही नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के अपने मूल कैडर में वापस जाना चाहते थे।
इस्तीफे में अनूप ने कहीं भी याकूब के मामले का जिक्र नहीं किया है बल्कि सुप्रीम कोर्ट में काम करने का मौका मिलने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अनूप के इस्तीफे के बारे में आई भ्रामक खबरों पर नाराजगी जताते हुए रविवार को इस्तीफे की चिट्ठी जारी करके स्थिति साफ की है।
सुरेंद्रनाथ का अनुबंध खत्म होने वाला था। उन्होंने रिसर्च प्रोजेक्ट पर काम जारी रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मूल कैडर में वापस भेजे जाने की इच्छा जताई थी और इसी क्रम में उन्होंने गत 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के पद से इस्तीफा दिया था।
हालांकि इसके विपरीत सुरेंद्रनाथ ने सोशल साइट पर याकूब की फांसी के बारे में 24 घंटे के बीच आए सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों पर विपरीत टिप्पणी की। इस्तीफा और सोशल साइट पर की गई टिप्पणी से मीडिया में भ्रम फैला। सोशल साइट पर की गई टिप्पणी के आधार पर मीडिया में खबरें आईं कि डिप्टी रजिस्ट्रार ने याकूब की फांसी के विरोध में इस्तीफा दिया है।
हालांकि दैनिक जागरण ने अपनी खबर में छापा था कि सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि अनूप ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है और उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया है। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली में काम करने वाले अनूप डेथ पेनाल्टी रिसर्चं प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।
यूनिवर्सिटी की इस डेथ पेनाल्टी लिटीगेशन क्लीनिक ने भी याकूब के डेथ वारंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की थी और इनकी ओर से वरिष्ठ वकील टीआर अधिअर्जुना ने सुप्रीम कोर्ट में बहस भी की थी।