मोदी मामले में देवबंदी उलेमा ने मदनी के सुर में मिलाया सुर
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी द्वारा भाजपा पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान की जहां कुछ इस्लामिक संगठन कड़ी आलोचना कर रहे हैं, वहीं देवबंदी उलेमा मौलाना मदनी के बयान से पूरी तरह सहमत हैं। उलेमा का कहना है कि मौलाना महमूद ने जो कुछ भी कहा है, उसकी गहराई को समझा जाए।
देवबंद (सहारनपुर)। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी द्वारा भाजपा पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान की जहां कुछ इस्लामिक संगठन कड़ी आलोचना कर रहे हैं, वहीं देवबंदी उलेमा मौलाना मदनी के बयान से पूरी तरह सहमत हैं। उलेमा का कहना है कि मौलाना महमूद ने जो कुछ भी कहा है, उसकी गहराई को समझा जाए। मदनी ने दरअसल, मोदी को दोषी माना है।
मौलाना महमूद मदनी ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि मोदी को गुजरात दंगों के लिए सिर्फ माफी मांगने की जरूरत नहीं, अगर मोदी दोषी है तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने मोदी द्वारा मुस्लिम टोपी न पहने जाने को भी सही ठहराया था। इस्लामिक फाउंडेशन सहारनपुर ने मौलाना मदनी के इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए विरोध किया।
उधर जिले के ही दारुल उलूम वक्फ के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना मुफ्ती आरिफ कासमी ने मदनी के बयान को सही बताते हुए कहा कि मौलाना मदनी ने जो लफ्ज कहे वह बिल्कुल सही है। मौलाना का यह कहना कि सिर्फ माफी से क्या होता है, दोषी हैैं तो सजा मिलनी चाहिए, बिल्कुल सही है। कहा कि बयान को लेकर मौलाना मदनी की मुखालफत करना सही नहीं है। जो लोग मदनी की मुखालफत कर रहे हैं वह बयान को सही तरह से समझ नहीं पाए हैं।
उन्होंने साफ कहा कि गुजरात दंगों के लिए मुसलमान नरेंद्र मोदी को कभी माफ नहीं कर सकते हैं। मोदी गुजरात दंगों के दोषी हैं। इसलिए उनको सजा मिलनी चाहिए। प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मौलाना नदीमुल वाजदी ने मदनी के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि गुजरात दंगों में हजारों मजलूम मुसलमानों की जानें गई। उस दंगे के लिए माफी की कोई गुंजाइश नहीं है, बल्कि दंगे के दोषी नरेंद्र मोदी को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
मदरसा जामियातुल अनवरिया के मोहतमिम मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर ने भी मदनी के बयान को सही ठहराया। उन्होंने भी मोदी को गुजरात दंगों का दोषी बताया। कहा कि मोदी को सजा मिलनी ही चाहिए।
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