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डेंगू के डंक से डरी दिल्ली, 5 साल में सबसे ज्यादा मामले, 3 की मौत

दिल्ली में डेंगू का डर तेजी से फैल रहा है। साल के शुरुआत से अभी तक सिर्फ दिल्ली में ही 830 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। दिल्ली में तेजी से फैलते डेंगू का यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। पिछले पांच सालों डेंगू के सबसे ज्यादा मामले इस साल

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 10:48 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 11:56 AM (IST)
डेंगू के डंक से डरी दिल्ली, 5 साल में सबसे ज्यादा मामले, 3 की मौत

नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू का डर तेजी से फैल रहा है। साल के शुरुआत से अभी तक सिर्फ दिल्ली में ही 830 डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं। दिल्ली में तेजी से फैलते डेंगू का यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। पिछले पांच सालों डेंगू के सबसे ज्यादा मामले इस साल पाए गए हैं। गौर करने वाली बात यह कि सिर्फ अगस्त माह में ही 778 डेंगू के मामले सामने आए हैं। अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस साल डेंगू के चलते तीन लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।

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पिछले सप्ताह 250 मामले सामने आए है जिसमें एक फिलिस्तीनी राजनयिक और उनके दो बेटे भी डेंगू प्रभावितों में शामिल हैं। तीनों को चाणक्यपुरी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हत्या के आरोपों में घिरे दो इतालवी नौसैनिक में से एक सैनिक डेंगू से प्रभावित है। जिसके इलाज के लिए इतालवी रक्षा मंत्रालय के दो सैन्य डॉक्टरों को भारत भेजा गया है।

डेंगू के सबसे ज्यादा मामले नॉर्थ दिल्ली में मिले हैं। नॉर्थ दिल्ली में 352 लोग अब तक डेंगू के शिकार हो चुके हैं।इसके अलावा साउथ दिल्ली में 220 और पूर्वी दिल्ली में डेंगू के 73 मामले सामने आ चुके हैं। एमसीडी के अनुसार इस साल 1 लाख 48 हजार 745 घरों में डेंगू के मच्छरों की ब्रीडिंग मिलने के बाद 1 लाख 15 हजार 611 लीगल नोटिस भी भेजे जा चुके हैं। लीगल नोटिस के बाद भी मच्छरों की ब्रीडिंग पाए जाने पर लगभग 13 हजार लोगों को एमसीडी आरोपी भी बना चुकी है।

डेंगू मरीजों को ‘देसी इलाज’ पर भरोसा

रोहतक शहर में पांव पसार चुके डेंगू की चपेट में आए लोग अंग्रेजी उपचार के साथ-साथ देसी उपचार भी अपना रहे हैं। कई मरीजों ने बताया कि अंग्रेजी उपचार से देसी उपचार उनके लिए बेहतर रहा है। डेंगू से बचने के लिए लोग बकरी और ऊंटनी का दूध का सेवन कर रहे हैं। शहर में बकरी का दूध तो मिल रहा है, लेकिन ऊंटनी का दूध नहीं मिल रहा है। जगदीश कॉलोनी में बकरी का दूध बेचने वालों की मानें तो वह 400 रुपये किलो से लेकर 700 रुपये तक दूध को बेच रहे हैं।

सिविल अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर शिवकुमार की मानें तो रोहतक शहर में अब तक सात से अधिक केस डेंगू के मिल चुके हैं। जिनमें से दो को दिल्ली रेफर कर दिया गया था। उनका अभी तक दिल्ली में ही उपचार हो रहा है। बहुजमालपुर निवासी अजमेर सिंह ने बताया कि उसने पहले एक निजी अस्पताल में उपचार कराया, उसके बाद पीजीआइ में। रिपोर्ट में साफ हो गया कि उसे डेंगू है। रिपोर्ट में उसकी प्लेटलेट्स 30 हजार के आसपास रह गई थी। जबकि डेढ़ लाख होनी चाहिए। इसलिए उसने अंग्रेजी उपचार के साथ-साथ बकरी का दूध भी लिया। जिससे उसकी पलेटलेट्स बहुत जल्दी बढ़ी और अब उसका स्वास्थ्य ठीक है।

शनिवार को जगदीश कॉलोनी में बकरी का दूध लेने के लिए पहुंचे जवाहर नगर निवासी जितेश ने बताया कि वह बीकॉम का स्टूडेंट है। उसे हाल ही में डेंगू हुआ था। वह पीजीआइ में उपचार के साथ-साथ बकरी का दूध भी प्रतिदिन ले रहा है। जिस कारण अब वह बिलकुल ठीक है। शनिवार को उसने 400 रुपये प्रति किलो बकरी का दूध लिया। चिन्योट कॉलोनी निवासी सुनील ने डेंगू से पीड़ित अपने पांच वर्षीय बेटे के उपचार के लिए भी बकरी का दूध इस्तेमाल किया।


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