नोटबंदी से सुस्त पड़ी आर्थिक गतिविधियों का पड़ेगा आगामी बजट की तैयारियों पर असर
सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले से आम बजट 2017 की तैयारियां प्रभावित हो रही हैं
नई दिल्ली। सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले से आम बजट 2017 की तैयारियां प्रभावित हो रही हैं। न्यूज एजेंसी रायटर्स की ओर से प्रभाशित खबर के मुताबिक दो सरकारी सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी का नकारात्मक असर ग्रोथ, सरकार के रेवेन्यु और संपत्तियों पर पड़ा है, जिसका असर आगामी बजट की तैयारियां पर भी पड़ रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने 8 नवंबर को कालेधन के खिलाफ बड़ी कार्रवाही करते हुए 1000 और 500 के नोट को अवैध कर दिया था।
अधिकारियों को डर है कि नोटबंदी का असर अपेक्षित समय से ज्यादा लंबे समय तक रह सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि देशभर में लाखों लोग पैसों के लिए बैंक और एटीएम की लाइनों में लगे हैं और कंपनियों को रोजाना मजदूरी देने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारियों को डर है कि यह कदम आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती को उम्मीद के हिसाब से कुछ ज्यादा ही लंबा खींच सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि लाखों लोगों अब भी नकदी के लिए बैंकों एवं एटीएम के बाहर कतार लगाए हुए हैं और कंपनियां मजदूरी और आपूर्तिकर्ताओं के भुगतान के लिए संघर्ष कर रही हैं।
बजट की तैयारियों की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, “हमने सोचा था कि नोटबंदी एक गेमचेंजर साबित होगा। केंद्रीय बैंक को आम लोगों के दर्द को दूर करने के लिए कुछ और कदम उठाने चाहिए थे। हमारी तरफ से अभी भी बजट की तैयारियां शुरू करना बाकी है।” आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त वर्ष 2017-18 का आम बजट 1 फरवरी को पेश कर सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कैश की किल्लत के कारण निर्माण, कृषि और ऑटो सेक्टर्स प्रभावित हुए हैं। साथ ही इसने सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत होने वाली कर प्राप्तियों में कमी की है। बीते साल नवंबर के महीने में दोपहिया और कर्मशियल वाहनों की बिक्री में 10 फीसदी की गिरावट हुई थी।