दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर पर्यावरण मंत्रालय सख्त, अधिकारियों पर गिरेगी गाज
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय सख्त हो गया है। पराली जलाने की घटनाओं में कमी के बावजूद प्रदूषण कम न होने पर मंत ...और पढ़ें

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर पर्यावरण मंत्रालय सख्त
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़े वायु प्रदूषण को अकेले पराली जलाने से जोड़कर अब तक अपनी जिम्मेदारियों से बचने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं है।
उन्हें अब वायु प्रदूषण रोकने के लिए जमीनी स्तर पर उठाए गए कदमों को न सिर्फ बताना होगा बल्कि उससे आए बदलावों से जुड़ी जानकारी भी साझा करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर अब उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। बढ़े प्रदूषण को लेकर आम लोगों की नाखुशी झेल रहे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय अब इसकी तैयारी में जुटा है।
प्रदूषण रोकने में नाकाम अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
माना जा रहा है कि अगले हफ्ते तक राज्यों और नगरीय निकायों की रिपोर्ट मिलने के बाद यह सख्ती दिखेगी। मंत्रालय ने यह रवैया तब अपनाया है, जब पराली जलने की घटनाओं में पिछले पांच सालों में 93 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है।
2021 में जहां पराली जलने की घटनाएं 78 हजार से अधिक थी, वहीं इस साल यानी 2025 में यह छह हजार ही रह गई है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक यदि दिल्ली-एनसीआर के बढ़े वायु प्रदूषण के पीछे पराली ही थी, तो उनमें कमी आने के बाद वायु प्रदूषण में सुधार आना था। जो नहीं दिख रहा है।
जमीनी स्तर पर उठाए कदमों की देनी होगी जानकारी
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ( सीक्यूएएम) की टीमों ने गोपनीय तरीके से एनसीआर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर वायु प्रदूषण के बढ़ाने वाली प्रमुख वजहों की पहचान की है। इनमें धूल, के साथ लकड़ी, कोयला व कचरा आदि जलाया जाना पाया गया था।
इससे पहले बढ़े वायु प्रदूषण को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 11 नवंबर को दिल्ली सहित एनसीआर में आने वाले राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों व एनसीआर के प्रमुख शहरों के नगरीय निकायों के आला अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें एक महीने के भीतर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर रिपोर्ट देने को कहा था।
गौरतलब है कि सीएक्यूएम प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन न करने वाले अधिकारियों या निकायों पर जुर्माना या कारावास सहित कानूनी कार्रवाई कर सकता है। वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 14 और 22 के तहत भी ऐसी कार्रवाई हो सकती है।

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