जंग ने भाजपा को नहीं भेजा न्योता
विधानसभा में सबसे बड़ा दल होने के बावजूद उसे उपराज्यपाल नजीब जंग की ओर से सरकार बनाने का न्योता बुधवार को इसलिए नहीं मिला
अजय पांडेय, नई दिल्ली। दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर भाजपा भले गेंद राजनिवास की ओर खिसका रही हो लेकिन सरकार गठन की चाबी खुद उसी की जेब में है। विधानसभा में सबसे बड़ा दल होने के बावजूद उसे उपराज्यपाल नजीब जंग की ओर से सरकार बनाने का न्योता बुधवार को इसलिए नहीं मिला, क्योंकि पार्टी यह तय ही नहीं कर पाई कि उसके विधायक दल का नेता कौन होगा। उपराज्यपाल सरकार बनाने का निमंत्रण दल के नेता को ही भेजेंगे। यदि सरकार बनती है तो वही मुख्यमंत्री होगा।
ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा उपराज्यपाल जंग की सिफारिश को स्वीकार किए जाने के बाद विधानसभा में सबसे बड़े दल भाजपा को सरकार बनाने का न्योता मिलेगा। ऐसे संकेत थे कि मंगलवार की रात भाजपा के शीर्ष नेता दिल्ली को लेकर कोई न कोई निर्णय कर लेंगे और विधायक दल के नेता का चुनाव बुधवार सुबह तक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। भाजपा यह दलील दे रही है कि जब उपराज्यपाल नजीब जंग उसे सरकार बनाने के लिए निमंत्रण देंगे, तभी वह अपना रूख स्पष्ट करेगी, लेकिन हकीकत यह है कि जब तक पार्टी विधायक दल का नेता नहीं चुन लेती, तब तक राजनिवास से पार्टी को सरकार बनाने का न्योता नहीं आएगा।
पिछले साल दिल्ली विधानसभा का चुनाव होने के बाद डॉ. हर्षवर्धन को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया था। उपराज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था लेकिन बहुमत नहीं होने की दलील देकर उन्होंने सरकार बनाने से इन्कार कर दिया था। उनके सांसद व केंद्रीय मंत्री बनने तथा दिल्ली विधानसभा से उनके इस्तीफे के बाद भाजपा विधायक दल का नेता अभी तक नहीं चुना जा सका है।
सभी दलों से बातचीत करेंगे उपराज्यपालः
उपराज्यपाल नजीब जंग का कहना है कि वह एक स्थायी सरकार के गठन के लिए अगले कुछ दिनों में दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श करेंगे। विधानसभा को लेकर आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होने वाली सुनवाई के मद्देनजर राजनिवास के इस फैसले को अहम करार दिया जा रहा है।