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आज भी जारी है '16 दिसंबर क्रांति'

16 दिसंबर 2012 की उस काली रात के बाद दिल्ली के कुछ युवाओं ने अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर महिला शोषण के खिलाफ आवाज उठाने को जिंदगी का मकसद बना लिया। निर्भया के नाम पर जंतर-मंतर पर दो साल में राजनीतिक दलों ने धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने मोमबत्तियां जलाईं और लौट गए। राजनीति

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 16 Dec 2014 05:42 AM (IST)Updated: Tue, 16 Dec 2014 09:49 AM (IST)
आज भी जारी है '16 दिसंबर क्रांति'

नई दिल्ली, [नेमिष हेमंत]। 16 दिसंबर 2012 की उस काली रात के बाद दिल्ली के कुछ युवाओं ने अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर महिला शोषण के खिलाफ आवाज उठाने को जिंदगी का मकसद बना लिया। निर्भया के नाम पर जंतर-मंतर पर दो साल में राजनीतिक दलों ने धरना-प्रदर्शन किया।

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उन्होंने मोमबत्तियां जलाईं और लौट गए। राजनीति से दूर जंतर-मंतर पर एक आंदोलन खामोशी से चल रहा है। यह आंदोलन है '16 दिसंबर क्रांति'। अब यह आंदोलन 'दुष्कर्म मुक्त भारत' की मांग में बदल गया है। यहां दो साल से लगातार रोशनी जल रही है। साफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़कर आंदोलन में शामिल हुए राहुल मिश्र कहते हैं, 'यह आंदोलन स्थल महिलाओं के खिलाफ हो रहे शोषण का प्रतीक है।'

दो साल पहले आंदोलन में शामिल रहे देश-विदेश के छात्र, पेशवर और युवतियां 'दुष्कर्म मुक्त भारत' की मांग को लेकर 16 दिसंबर को जंतर-मंतर पर फिर एकञ हो रहे हैं। आंदोलन में शामिल रहे जीवन केमिकल इंजीनियर की नौकरी छोड़कर दिल्ली में महिलाओं के शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। वह लोगों को महिला शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। आंदोलन में शामिल संतोष बोहरा के मुताबिक दिल्ली में जगह-जगह पोस्टर लगाकर व फेसबुक के माध्यम से लोगों से अपील की जा रही है कि वे 16 दिसंबर को जंतर-मंतर पर आकर श्रद्धांजलि दें।

मुनिरका जाकर निर्भया को दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश-दुनिया को हिलाकर रख देने वाली राष्ट्रीय राजधानी के 16 दिसंबर सामुहिक दुष्कर्म की याद में सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय व जवाहर लाल विश्वविद्यालय की छात्राओं के साथ ही समाज सेविकाओं और कलाकारों ने कनॉट प्लेस से मुनिरका तक का सफर बस से तय किया। इस सफर को जीबी रोड की एक सेक्स वर्कर युवती ने झंडा दिखाया। यह सफर मुनिरका बस स्टैंड जाकर श्रद्धाजंलि सभा में परिवर्तित हो गया, जहां से दुष्कर्म की शिकार युवती बस में चढ़ी थी।

इसके पहले कनॉट प्लेस के एफ ब्लाक में 'अपने आप' संगठन के बैनर तले जुटी छात्राओं और समाज सेविकाओं ने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से दुष्कर्म पीडि़त युवती को याद करने के साथ लोगों को जागरूक किया गया। अस्मिता ग्रुप थियेटर के कलाकारों ने इस दौरान दुष्कर्म की शिकार युवतियों पर कई नाट्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

दूसरी ओर राजधानी में वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म जैसी घटना फिर न हो, इसके लिए नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) ने सोमवार को जंतर-मंतर पर शांति मार्च निकाला। इसमें एनएसयूआइ के पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी और कांग्रेस के नेता शामिल हुए। इस अवसर पर अमृता धवन, मोहित शर्मा और अन्य पदाधिकारियों ने देश में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं के विरोध में मोमबत्ती जलाकर अपनी संवेदना प्रकट की।

पूर्व डूसू नेता अमृता धवन ने कहा कि राजधानी महिलाओं के लिए यदि महफूज नहीं है तो इसकी बड़ी वजह यहां की कानून व्यवस्था है। वर्तमान सरकार इसकी तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है।

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