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एलजी को मिला गृह मंत्रालय का साथ, कहा- एलजी हैं ACB के बॉस

एसीबी में बाहरी अफसरों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं। इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एलजी नजीब जंग से मुलाकात की । खबरों के मुताबिक ये मुलाकात तकरीबन दस मिनट तक चली।

By anand rajEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2015 07:58 AM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2015 06:32 PM (IST)
एलजी को मिला गृह मंत्रालय का साथ, कहा- एलजी हैं ACB के बॉस

नई दिल्ली। एसीबी में बाहरी अफसरों की नियुक्ति को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार एक बार फिर आमने सामने आ गए हैं। इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एलजी नजीब जंग से मुलाकात की । खबरों के मुताबिक ये मुलाकात तकरीबन दस मिनट तक चली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय भी एलजी के समर्थन में खड़ा हुआ है। इसका कहना है कि एसीबी एलजी के अधिकार के क्षेत्र में आता है। इस बीच गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने आइएएस अधिकारी अरुण बरोका को कार्यमुक्त कर दिया है।

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इससे पहले उपराज्यपाल नजीब जंग ने कहा कि उन्हें अफसरों की नियुक्ति का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। राजनिवास की ओर से नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं जबकि सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए फैसले को सही ठहराया गया है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल की ओर से एसीबी अफसरों की नियुक्ति को गलत ठहराने पर केंद्र सरकार पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार के पास एसीबी में अफसरों की नियुक्ति का अधिकार है। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी चीजों को मजाक बना दिया है। कभी वे एलजी से कहलवाती है कि अफसर उनके अधिकार क्षेत्र में आते हैं तो कभी कहते हैं कि एसीबी उनके अधिकार में आते हैं।

दिल्ली एंटी करप्शन ब्यूरो का हिस्सा होंगे बिहार के पुलिस अधिकारी

उधर इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने चुप्पी साध ली है। जब उनसे अफसरों की नियुक्ति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

वहीं इससे पहले राजनिवास से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ये साफ कर दिया है कि दिल्ली पुलिस की तरह एसीबी दिल्ली की देखरेख और नियंत्रण भी एलजी के पास है। इस मामले में दिल्ली पुलिस से बाहर के अफसरों की नियुक्ति का कोई भी प्रस्ताव उपराज्यपाल को नहीं मिला है। राजनिवास की ओर से ये भी कहा गया है कि इस मामले की विधिवत रूप से जांच की जाएगी।

दरअसल केजरीवाल सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी, भ्रष्टाचार निरोधक दस्ता) में बिहार पुलिस के छह अफसरों को शामिल करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि इनमें से पांच अफसर दिल्ली में ज्वाइन भी कर चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार से पुलिस अधिकारियों को लेने के लिए दिल्ली में नीतीश कुमार और केजरीवाल के बीच हुई मुलाकात के वक्त सहमति बनी थी। सभी अफसरों की नियुक्ति उपराज्यपाल को सूचित किये बगैर लिया गया है।

बता दें कि दिल्ली सरकार और केन्द्र के बीच पहले से ही अपने-अपने कार्यक्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है और एलजी के अधिकारों को लेकर गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इससे पहले बिहार पुलिस ने हाल ही में बताया था कि उसने अपने छह अफसरों को रिलीज किया है। सभी अफसर एसीबी दिल्ली ज्वाइन करेंगे। इनमें एक डीएसपी और पांच इंस्पेक्टरव सब इंस्पेक्टर रैंक के अफसर हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से तीन अफसरों ने ड्यूटी ज्वाइन कर ली है।

एसीबी अफसरों की नियुक्ति के मसले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह ने भी केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि एसीबी अधिकारियों की नियुक्ति राज्यपाल को सूचित किये बिना लेना ठीक नहीं है। उन्होंने केजरीवाल पर संविधान का आदर नहीं करने का भी आरोप लगाया।

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