टू जी मामले में कनीमोझी और ए राजा के खिलाफ आरोप तय
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को टू जी मामले में 19 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए। इसमें पूर्व केंद्रीय
नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को टू जी मामले में 19 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और सांसद कनीमोझी समेत अन्य के खिलाफ मनी लाड्रिंग मामले में आरोप तय किए गए हैं। इस मामले में शामिल 19 आरोपियों में नौ कंपनियां भी शमिल हैं जिनके खिलाफ जांच एजेंसी ने चार्जशीट दायर की थी।
राजा और कनीमोझी के साथ तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके के प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालु अम्मल, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद बलवा और विनोद गोयनका के खिलाफ भी आज आरोप तय किए गए हैं। इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत आपराधिक षडयंत्र रचने और हवाला क़ानून के तहत आरोप तय किए गए हैं। मामले की सुनवाई 11 नवंबर से शुरू होगी।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने ए राजा, सांसद कनीमोझी और डीएमके प्रमुख करुणानिधि की पत्नी दयालू अम्मल समेत अन्य 16 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। ईडी के मुताबिक डीबी ग्रुप कंपनी ने करीब दो सौ करोड़ रुपये डीएमके की कंपनी कलाएग्नर टीवी में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबेल के मातहत लगाए थे। वहीं दूसरी ओर इस मामले में आरोपियों का कहना है कि ईडी के पास उनके खिलाफ कोई सबूत ही नहीं है।
2जी मामले में घेरे में आए स्वान टेलिकॉम के प्रमोटर्स ने कलैंगर टीवी को 200 करोड़ रुपये दिए थे, जिस पर डीएमके का नियंत्रण है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट की धारा 3 के तहत अगर दोष साबित हो जाए तो 7 साल तक कैद सुनाई जा सकती है।
ईडी की चार्जशीट के अनुसार, स्वान टेलीकाम के लिए 2जी स्पेक्ट्रम हासिल करने के एवज में शाहिद बलवा ने अपनी दूसरी कंपनी डीबी रियलिटी के माध्यम से 200 करोड़ रुपये की रिश्वत करुणानिधि के परिवार की कंपनी कलैंगनार टीवी को भेजी थी। रिश्वत की यह रकम कई कंपनियों के माध्यम से घुमाते हुए ऋण और निवेश के रूप में भेजी गई थी, ताकि किसी को संदेह न हो। लेकिन घोटाले के खुलासे और पूर्व संचार मंत्री ए राजा की गिरफ्तारी के बाद ब्याज समेत 223 करोड़ रुपये की रकम लौटा दी गई। ईडी पहले ही इस पूरी रकम को जब्त कर चुका है।