मोबाइल व इंटरनेट की लत छुड़ाएगा दिल्ली एम्स
इसके मद्देनजर एम्स ने व्यावहारिक लत क्लीनिक शुरू किया है। यहां एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के डॉक्टर मोबाइल व इंटरनेट की लत छुड़ाएंगे।
रणविजय सिंह, नई दिल्ली । स्मार्ट फोन व हाई स्पीड इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल से बच्चे और युवा इंटरनेट व मोबाइल की गिरफ्त में इस कदर जकड़ते जा रहे हैं कि उनका व्यावहारिक जीवन तबाह होने लगा है। वे ऑनलाइन गेम व सोशल नेटवर्क पर चैटिंग में अधिक समय व्यतीत कर रहे हैं। इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इस वजह से इंटरनेट और मोबाइल एडिक्शन (लत) की बीमारी बढ़ रही है। इसके मद्देनजर एम्स ने व्यावहारिक लत क्लीनिक शुरू किया है। यहां एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के डॉक्टर मोबाइल व इंटरनेट की लत छुड़ाएंगे।
एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि इंटरनेट व स्मार्ट फोन के बढ़ते इस्तेमाल का असर लोगों के व्यवहार पर दिखने लगा है। बच्चे और कॉलेजों मंे पढ़ने वाले युवा ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इससे सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। मनोचिकित्सा विभाग हर शनिवार को विशेष क्लीनिक चलाएगा। जहां सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक सिर्फ मोबाइल व इंटरनेट के इस्तेमाल के चलते मानसिक रूप से प्रभावित मरीजों का इलाज किया जाएगा।
AIIMS में 67 साल की उम्र तक सेवा दे सकेंगे डॉक्टर
विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. यतन पाल सिंह बलहारा ने कहा कि कई माता-पिता ऐसी शिकायत लेकर पहुंचते हैं कि इंटरनेट व मोबाइल पर चैटिंग व गेम खेलने से बच्चे पढ़ाई में मन नहीं लगाते। वे आठ से नौ घंटे इंटरनेट पर समय बिताते हैं। मोबाइल छीन लेने पर बच्चे गुस्सा करते हैं और माता-पिता से कहासुनी पर उतारू हो जाते हैं। इंटरनेट पर अधिक समय बिताने के चलते धीरे-धीरे मानसिक तनाव शुरू हो जाता है। यह देखा गया है कि इंटरनेट व मोबाइल पर घंटों समय बिताने वाले लोग अल्कोहल और तंबाकू का नशा भी ज्यादा करते हैं। उन्होंने कहा कि अब मोबाइल पर 3जी और 4जी नेटवर्क की सुविधा मिलने लगी है। मोबाइल पर ऑनलाइन गेम आसान हो गए हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में इससे जुड़ी मानसिक बीमारियां और ज्यादा बढ़ेंगी।