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रक्षा मंत्री ने छत्तीसगढ़ में रक्षा से जुड़े उद्योग लगाने का दिया आश्वासन

देश के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि राज्‍य में रक्ष्‍ाा से जुड़े उद्योग लगाए जाएंगे। इनके जरिए स्‍थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।पर्रिकर ने यहां बूढ़ातालाब के सामने स्थित इंडोर स्टेडियम में आयोजित जनकल्याण मेला और विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि ये

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Wed, 27 May 2015 11:49 AM (IST)Updated: Wed, 27 May 2015 02:06 PM (IST)
रक्षा मंत्री ने छत्तीसगढ़ में रक्षा से जुड़े उद्योग लगाने का दिया आश्वासन

रायपुर। देश के रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि राज्य में रक्ष्ाा से जुड़े उद्योग लगाए जाएंगे। इनके जरिए स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

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पर्रिकर ने यहां बूढ़ातालाब के सामने स्थित इंडोर स्टेडियम में आयोजित जनकल्याण मेला और विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि ये उद्योग 6 से 9 माह के बीच शुरू किए जाएंगे। राज्य के लोगों के लिए कौशल उन्नयन कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने छत्तीसगढ़ में रक्षा उत्पादन पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के विभिन्न प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। पर्रिकर ने कहा है कि यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ’मेक इन इंडिया’ के उद्देश्यों को पूर्ण करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों में से इसके लिए उपयुक्त प्रतिष्ठान का चयन किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य प्रतिष्ठानों से भी बातचीत की जा सकती है।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक दिवसीय प्रवास पर पहुंचे पर्रिकर ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से उनके निवास में सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान आयोजित बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ में रक्षा उत्पादन उद्योगों की संभावनाओं के बारे में विचार-विमर्श किया।


डॉ. रमन सिंह ने उन्हें छत्तीसगढ़ में विगत 12 वर्षों में हुए सामाजिक-आर्थिक और औद्योगिक विकास की जानकारी दी। डॉ. सिंह ने उन्हें यह भी बताया कि देश के मध्य भू-भाग पर स्थित होने के कारण छत्तीसगढ़ में रक्षा उत्पादन पर आधारित निर्माण उद्योगों के लिए भी अच्छी संभावनाएं है।


डॉ. सिंह ने उन्हें 237 वर्ग किलोमीटर में विकसित किए जा रहे नया रायपुर विकास परियोजना की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने पर्रिकर को बताया कि राज्य में चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है। प्रदेश के सभी 27 जिलों में युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए लाइवलीहुड कॉलेजों की स्थापना की जा चुकी है।


पर्रिकर ने कहा कि रक्षा उत्पादन के उद्योग यदि राज्य में लगेंगे तो लाइवलीहुड कॉलेजों में से भी युवाओं का चयन कर उन्हें ऐसे उद्योगों के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर प्रशिक्षण दिया जा सकता है। बैठक में रक्षा मंत्री को बताया गया कि राज्य सरकार ने रक्षा उत्पादन उद्योग की स्थापना के लिए राजनांदगांव में लगभग छह सौ एकड़ जमीन चिन्हांकित कर ली है। राजनांदगांव चूंकि मुम्बई-कोलकाता मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है, इसलिए वहां इस प्रकार का कोई उद्योग लगाना सुविधाजनक हो सकता है। मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य में राष्ट्रीय सैन्य विद्यालय (राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल) बस्तर में खोलने का प्रस्ताव दिया।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की यह मंशा है कि बस्तर अंचल के जिलों में वर्तमान में संचालित पोटा केबिन स्कूलों के प्रतिभावान बच्चों का चयन कर उन्हें राष्ट्रीय सैन्य विद्यालय में शिक्षा दिलायी जाए। पोटा केबिन स्कूलों में नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चों को आवासीय शिक्षा की सुविधा दी जा रही है। उन्हीं बच्चों में से सैन्य विद्यालय के लिए बच्चों का चयन किया जा सकता है।


बैठक में अधिकारियों ने रक्षामंत्री को राज्य में रेल सुविधाओं के विकास के लिए स्वीकृत रेल कॉरिडोर निर्माण और दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर 235 किलोमीटर रेल परियोजना की प्रगति की भी जानकारी दी। बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार शिवराज सिंह, मुख्य सचिव विवेक ढांड, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एन. बैजेन्द्र कुमार, ऊर्जा विभाग और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, वाणिज्य और उद्योग विभाग के सचिव सुबोध कुमार सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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