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OROP पर झुकी सरकार, कुछ मांगें मानी तो कुछ पर अड़ी

सरकार की तरफ से केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज वन रैंक वन पैंशन (OROP) लागू करने की घोषणा कर दी। एक प्रेस कांफ्रेंस में इसका एलान करते हुए उन्‍होंने कहा कि सरकार ने अपना कहा वादा पूरा किया है। यह चार दशकों से लटका हुआ था। यह 1

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2015 10:06 AM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2015 03:51 PM (IST)
OROP पर झुकी सरकार, कुछ मांगें मानी तो कुछ पर अड़ी

नई दिल्ली। सरकार की तरफ से केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज वन रैंक वन पैंशन (OROP) लागू करने की घोषणा कर दी। एक प्रेस कांफ्रेंस में इसका एलान करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना कहा वादा पूरा किया है। यह चार दशकों से लटका हुआ था। यह 1 जुलाई 2014 से लागू होगी। उन्होंने इसका एरियर चार किश्तों में देने का भी एलान किया है। हालांकि वीआरएस लेने वाले जवानों के बारे में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस पर सरकार बाद में विचार करेगी। उन्होंने कहा कि हर वर्ष इसकी समीक्षा संभव नहीं है, लिहाजा सरकार ने कहा है कि पांच वर्षों में इसकी समीक्षा की जाएगी। इस मुद्दे एक सदस्यीय न्यायिक कमेटी भी बनाई जाएगी जो छह माह में अपनी रिपोर्ट देगी।

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रक्षा मंत्री द्वारा ओआरओपी की मांग मान लेने का पूर्व सैनिकों ने स्वागत किया है। एक प्रेस वार्ता में मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि सरकार ने जो घोषणा की है, वह उन्हें मंजूर है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस घोषणा की कुछ बातें वही हैं जो पूर्व से सरकार कहती आ रही थी। उन्होंने सरकार के फैसले पर संतुष्टि का इजहार किया है। उन्होंने सरकार द्वारा बनाई जाने वाले न्यायिक कमेटी को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक सदस्यीय कमेटी बनाई है उसको पांच सदस्यीय किया जाना चाहिए जिसमें दो पूर्व सैनिकों को शामिल किया जाना चाहिए। वीआरएस लेेने वाले सैनिकों पर ओआरओपी लागू न करने पर उन्होंने नाराजगी का इजहार किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक इस पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगेगी। उन्होंने साफतौर पर कहा कि वीआरएस को भी इसी दायरे में लाया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने सरकार द्वारा हर पांच वर्षों में की जाने वाली समीक्षा को भी खारिज कर दिया। सतबीर ने आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी छह मांगों को नहीं माना, बल्कि सिर्फ एक मांग ही पूरी की है। उन्होंने साफ कहा है कि इस घोषणा के बाद पूर्व सैनिकों द्वारा किया जा रहा अनशन समाप्त करने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं किया है।

आज पूरे दिन इस मुद्दे पर असमंजस की स्थिति लगातार बनी रही। रक्षा मंत्री के एलान से पूर्व अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्री ने उन्हें सभी मांगे माने जाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के बाद अब उनकी निगाहें दोपहर 2:30 बजे होने वाली रक्षा मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस पर लगी हैं, जिसमें वह इसका एलान करेंगे। उन्होंने सरकार के रूख को देखते हुए यह साफ कर दिया है कि ओआरओपी का फायदा वीआरएस लेने वाले जवानों को मिलना चाहिए।

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दूसरी ओर अनशन पर बैठे रिटायर्ड कर्नल राजीव और कर्नल जीबी सेठी का कहना है यदि जवानों को सरकार ने फैसला लेने से पहले विश्वास में नहीं लिया गया तो सरकार के फैसले को नहीं माना जाएगा। उन्होंने साफ किया कि यदि सरकार ने उनपर अपना फैसला थोपने की कोशिश की तो वह उसको नहीं मानने वाले हैं। एक अन्य रिटायर्ड फौजी का कहना है कि रिटायर्ड जवान सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। ओआरओपी के मुद्दे पर भाजपा के सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि यह पहले से ही पार्टी के घोषणा पत्र का हिस्सा था, यदि सरकार आज इसका एलान करती है तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

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