जीएसटीः कांग्रेस की मांगों पर सहमति बनाने की कोशिश, राज्यों से विमर्श के बाद फैसला
वित्त मंत्री लगातार कांग्रेस के साथ इस विधेयक पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस ने विधेयक में कुछ बदलावों का प्रस्ताव भी किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक का राज्यसभा में इस सप्ताह चर्चा के लिए आना राज्यों के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली की बैठक पर निर्भर करेगा। मंगलवार को राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति के साथ जेटली की होने वाली बैठक में कांग्रेस की तरफ से उठाई गई मांगों पर विचार-विमर्श होगा। राज्य यदि इन बदलावों को स्वीकार करते हैं, तो इस सप्ताह विधेयक को चर्चा के लिए पेश किया जा सकता है।
बीते कुछ दिनों से वित्त मंत्री लगातार कांग्रेस के साथ इस विधेयक पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान कांग्रेस ने विधेयक में कुछ बदलावों का प्रस्ताव भी किया है। इनमें से एक है उत्पादक राज्यों को मिलने वाले एक फीसद अतिरिक्त जीएसटी के प्रावधान का। कांग्रेस विधेयक से इस प्रस्ताव को हटाने की मांग कर रही है। यह मसला सीधे राज्यों से जुड़ा है। लिहाजा केंद्र के लिए इस पर राज्यों को विश्वास में लेना आवश्यक है। मंगलवार को होने वाली बैठक में वित्त मंत्री की कोशिश होगी कि राज्यों को इस बात के लिए मनाया जाए।
शुक्रवार को ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राज्यसभा को बताया था कि आने वाले सप्ताह में जीएसटी पर चर्चा होगी। वैसे साल 2009 में जीएसटी के लिए संविधान संशोधन विधेयक का प्रस्ताव खुद कांग्रेस ने ही किया था। लेकिन अब कांग्रेस चाहती है कि जीएसटी के तहत टैक्स की सीमा 18 फीसद तय कर दी जाए। साथ ही उत्पादक राज्यों को एक फीसद अतिरिक्त जीएसटी देने के प्रावधान को भी कांग्रेस वापस लेने की मांग कर रही है। अब तक जीएसटी का विरोध कर रही कांग्रेस का यह भी मानना है कि राजस्व को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच होने वाले विवाद के लिए एक स्वतंत्र तंत्र तैयार किया जाना चाहिए।
हालांकि, वित्त मंत्रालय में प्रमुख आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्माण्यम की सिफारिश के बाद वित्त मंत्री एक फीसद अतिरिक्त शुल्क का प्रस्ताव वापस लेने को राजी हो गए हैं। लेकिन इस पर अमल के लिए राज्यों की सहमति आवश्यक है।