मर गई गरीब की बेटी, गांव को चाहिए भोज
समय कितना भी बदल गया हो लेकिन मुंशी प्रेमचंद की कहानियों से किरदार और उनकी पीड़ा की झलक अब भी झारखंड में देखने को मिल जाती है।
राज्य ब्यूरो, रांची। समय कितना भी बदल गया हो लेकिन मुंशी प्रेमचंद की कहानियों से किरदार और उनकी पीड़ा की झलक अब भी झारखंड में देखने को मिल जाती है। मानवता को शर्मसार करने वाली रामगढ़ के गोला प्रखंड की लखीमनी देवी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उसने दस दिन पहले अपनी बेटी को खोया है लेकिन गांव वाले क्रियाकर्म का भोज लिए बगैर मान ही नहीं रहे हैं। इलाज में सबकुछ गंवा चुकी लखीमनी के पास भोज के लिए फूटी कौड़ी नहीं है। वह बुधवार को आर्थिक मदद के लिए मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और रणधीर सिंह के जनता दरबार पहुंची लेकिन वहां भी उसे तत्कालिक मदद नहीं मिली। सरकार से तत्काल आर्थिक मदद न मिलने से निराश लखीमनी मुख्यमंत्री सचिवालय में ही बेहोश हो गई।
रामगढ़ गोला प्रखंड के डिमरा गांव की रहने वाली लखीमनी देवी ने अपनी बेटी लीलू कुमारी को अभी दस दिन पूर्व ही खोया है। लीलू का पिछले नौ माह से रिम्स में इलाज चल रहा था और उसके इलाज में लखीमनी देवी की पूरी जमापूंजी चली गई। इतने पर भी गांव वाले उससे क्रियाकर्म का भोज मांग रहे हैं। उसी भोज के लिए वो मंत्रियों के जनता दरबार में अपना लाल कार्ड लेकर पहुंची थी। स्पष्ट हिंदी बोलने में असमर्थ लखीमनी ने किसी तरह मंत्री रणधीर सिंह को अपनी बात समझाई। मंत्री ने रामगढ़ जिले के उपायुक्त को उसका आवेदन फारवर्ड कर दिया और कहा कि वह डीसी से जाकर मिले, वही मदद करेंगे। लखीमनी वहां उपस्थित और लोगों को भी अपनी बात बताने की कोशिश करती रही, लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
दोनों मंत्री भी 97 शिकायतें सुनकर चले गए लेकिन लखीमनी देवी के पांव मुख्यमंत्री सचिवालय की चौखट न लांघ पाए और वह बेहोश हो गई। साथ आई उसकी बड़ी बहन ने बताया कि गांव वाले ताना देते हैं कि बेटी गई तो क्या क्रियाकर्म का भोज तक न कराओगी। हालांकि मंत्रियों के जाने के बाद मुख्यमंत्री आवास में उपस्थित चिकित्सक ने उसका प्राथमिक उपचार किया। बताया कि बेहोशी की वजह कमजोरी है, ठीक हो जाएंगी। उसे कुछ दवाईयां दी गईं। पूरा प्रकरण देख मुख्यमंत्री सचिवालय के एक तृतीय वर्ग कर्मी का दिल जरूर पिघला। उसने अपनी जेब से सौ रुपये देते हुए कहा कि आप लोग घर जाओ।
सामूहिक दुष्कर्म की पीडि़ता को मिलेगा न्याय, गिरफ्तारी का आदेश
रामगढ़ के गोला थाना निवासी आशा देवी (बदला हुआ नाम) के न्याय की आस बुधवार को जनता दरबार में पूरी होती दिखाई दी। मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्थानीय एसपी को पीडि़ता की शिकायत दर्ज कर तत्काल दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। इतना ही नहीं मंत्री ने एक सप्ताह के भीतर पूरे मामले की जांच रिपोर्ट से अवगत कराने का भी निर्देश दिया। मंत्री ने पीडि़ता को सुरक्षा मुहैया कराने की बात भी कही। दो बार सामूहिक दुष्कर्म का शिकार आशा देवी की रिपोर्ट तक थाने में दर्ज नहीं की जा रही थी। अभियुक्तों में एक पंचायत सदस्य भी शामिल है।
मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी और रणधीर सिंह के जनता दरबार में गढ़वा मेराल के राजेंद्र प्रजापति ने बताया कि उनके बेटे के हत्या के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। मंत्री रणधीर सिंह ने गढ़वा के एसपी से बात कर पूरे मामले का अनुसंधान दोबारा करने का निर्देश दिया।