शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, कहा- दाऊद की शर्तें नहीं थी मंजूर
वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने दाऊद इब्राहिम को लेकर कहा है कि भारत कोई 'बनाना रिपब्लिक' नहीं है। उन्होंने कहा है कि कोई भी नेता किसी भी अपराधी की शर्त के साथ सरेंडर स्वीकार नहीं करेगा।
नई दिल्ली। दाऊद इब्राहिम की गिरफ्तारी को लकर मचे बवाल के बीच आखिरकार एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार को मुंह खोलना पड़ा। शरद पवार ने कहा कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील समर्पण करना चाहते हैं, ऐसा प्रस्ताव पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी ने मेरे पास दिया था। लेकिन जो शर्तें थी वह स्वीकार करने योग्य नहीं थी। इसलिए मैंने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा कि मुझे जेठमलानी ने कहा था कि दाऊद समर्पण के लिए तैयार है लेकिन मुंबई आने पर उसे पुलिस गिरफ्तार नहीं करे। उसे अपने घर में रहने की इजाजत हो।
इससे पहले, वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम ने दाऊद इब्राहिम को लेकर कहा है कि भारत कोई 'बनाना रिपब्लिक' नहीं है। उन्होंने कहा है कि कोई भी नेता किसी भी अपराधी की शर्त के साथ सरेंडर को स्वीकार नहीं करेगा। निकम ने यह बात राम जेठमलानी के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कही जिसमे उन्होंने कहा था कि दाऊद सशर्त सरेंडर करना चाहता था।
गौरतलब है कि एक अंग्रेजी समाचार पत्र से बातचीत करते हुए छोटा शकील ने दाऊद के सरेंडर को लेकर कई राज खोले। इससे पहले भारत का मोस्टवांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम और उसका सबसे विश्वसनीय सहयोगी छोटा शकील अब भारत लौटना नहीं चाहता। छोटा शकील के मुताबिक 1993 मुंबई ब्लास्ट के बाद भारत सरकार ने हमारे भारत लौटने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। अब हम भारत लौटना भी नहीं चाहते। शकील ने कहा कि भारत की हर सरकार कहती है कि दाऊद को पकड़ के लाएंगे। क्या हम हलवा हैं, मेमने हैं जो हमे पकड़ लाएंगे ?
उधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इसपर अपनी प्रतिक्रया में कहा कि सरकार दाऊद और उसके साथियों की कोई मांग नहीं माने। सरकार उसे पकड़ कर भारत लाए। राम जेठमलानी ने कहा कि मैं कैसे कह सकता कि यूपीए सरकार क्यों दाऊद को वापस लाना नहीं चाहती थी। उन्होंने कहा कि दाऊद ने उनसे कहा था कि मुंबई बम ब्लास्ट में उसका कोई हाथ नहीं है। एेसे में भारत लौटने पर उसके खिलाफ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
एक अंग्रेजी समाचारपत्र के साथ बातचीत में छोटा शकील ने कहा कि 1993 मुंबई ब्लाास्ट के बाद जब हम भारत लौटना चाहते थे तब आपके सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी। मैने और भाई [दाऊद] ने इस बारे में लंदन में राम जेठमलानी से बात की थी। लेकिन आपके मंत्रालय और लालकृष्ण आडवाणी ने खेल बिगाड़ दिया।
छोटा शकील ने भारतीय एजेंसियों पर गैंगों के बीच भेदभाव करने का आरोप लगाया। उसने कहा कि क्यों भारतीय एजेंसियां और भारत सरकार छोटा राजन को भारत लाने की बात नहीं करती। भारत सरकार को भी इस बात की जानकारी है कि छोटा राजन कहां हैं लेकिन वह उसे पकड़ने की कोशिश नहीं करती। क्या छोटा राजन ने लोगों की हत्याएं नहीं की है? क्या वह अपराधी नहीं है?
शकील ने कहा कि जब भी भारत में कोई नई सरकार आती है, उनका पहला बयान होता है, हम दाऊद और उसके साथियों को पकड़ के लाएंगे, घुस के पकड़ लाएंगे। हमें हलवा समझ रखा है क्या? क्या हमे बकरी का बच्चा समझ रखा है? छोटा शकील ने इस बात की पुष्टि भी की है कि वह राजन को मारने ऑस्ट्रेलिया पहुंच गया था लेकिन वह चूहे की तरह भाग निकला।
शकील ने आइपीएल मैच फिक्सिंग, भारत में बिजनेस करने की चाहत और छोटा राजन पर हाल ही में हुए हमले में हाथ होने समेत कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। हालांकि छोटा शकील 16 सितंबर को दाऊद की हत्या की कोशिश से जुड़े सवाल पर भड़क गया। पिछले साल इसी दिन शकील की बेटी जोया की शादी कराची में थी और दाऊद इसमें शरीक होने वाला था। सूत्रों से यह जानकारी मिली कि दाऊद की हत्या में दिलचस्पी रखने वाले लोग डॉन की सुरक्षा घेरे को तोड़ने के करीब पहुंच गए थे।
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