ओडिशा के जनजाति मंत्री को अंतर जातीय विवाह पर जाति से बाहर निकाला गया
ओडिशा के जनजाति कल्याण मंत्री सुदम मरंडी और उनके परिवार को संथाली जाति के लोगों ने अपनी जाति से बाहर निकालने की सजा सुनाई है।
भुवनेश्वर। ओडिशा के जनजाति कल्याण मंत्री सुदम मरंडी और उनके परिवार को संथाली जाति के लोगों ने अपनी जाति से बाहर निकालने की सजा सुनाई है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सुदम मरंडी की बेटी ने अपनी जाति से बाहर जाकर डीकू जाति के एक युवक से शादी कर ली।
जानकारी के मुताबिक मरंडी की बेटी और पेशे से डॉक्टर संजीवनी ने बीजू जनता दल के नेता और जाति से ब्राम्हण युवक से 30 जनवरी को भुवनेश्वर के होटल में शादी कर ली। इस शादी में गवर्नर एस सी जमीर, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के अलावा और भी गई गणमान्य अतिथि शामिल हुए।
लेकिन संथाली समाज के बुजुर्गों ने इस शादी को गलत पाया जिस समाज से मरंडी खुद आते हैं। गुरूवार को मरंडी अपनी बेटी और दामाद के साथ रीति रस्मों को पूरा करने के लिए अपने पैतृक गांव दहिसही पहुंचे जहां गांव के सरपंच की मौजूदगी में संथाली जनजाति के पुजारी ने पूरे रीति रिवाज के साथ पूजा कराई।
इस शादी से पहले से ही नाराज चल रहे संथाली समाज के लोगों ने शनिवार को बंगीरीपोसी ब्लॉक पर एक सभा की जिसमें झारखंड और आसपास से आए मयूरभंज समाज के लोगों ने एक सूर से अंतजातिय विवाह की निंदा की। बैठक में घोषणा की गई कि मंत्री के परिवार और उनकी मदद करने वाले तीन गांवो को दामोहर घाट पर अंतिम क्रिया नहीं करने दिया जाएगा।
आपको बता दें कि संथाली समाज के लोग बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़िया में मौजूद हैं और ये भारत की तीसरी सबसे बड़ी जनजाति है।
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