देश में ऐसा पहली बार, जब बहू देगी सास-ससुर को गुजारा भत्ता
सवाई माधोपुर जिले की फैमिली कोर्ट ने पुत्रवधू को सास-ससुर को जीवनयापन करने के लिए दस-दस हजार का मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।
जयपुर, ब्यूरो। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की फैमिली कोर्ट के न्यायाधीश रवींद्र कुमार माहेश्वरी ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पहली बार किसी बहू को सास-ससुर को गुजारा भत्ता देने के निर्देश दिए हैं।
सवाई माधोपुर निवासी जेपी विंग के इकलौते बेटे की कुछ साल पहले स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी। बेटे की जयपुर में दो बड़ी कंपनियां थीं। पुत्रवधु ने दोनों कंपनियां अपने कब्जे में ले लीं। पति की होंडा सिटी कार एवं दूसरी सभी संपतियों पर भी हक जमा लिया। इसके बाद अस्सी वर्षीय जेपी विंग और उनकी पत्नी बेसहारा हो गए। दोनों के पास जीवनयापन करने के लिए कोई सहारा नहीं रहा। उन्होंने बेटे की संपति पर अपना हक जताते हुए अपनी बहू से गुजारा भत्ता मांगते हुए अपील कर दी। जज ने पुत्रवधू को सास-ससुर को जीवनयापन करने के लिए दस-दस हजार का मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।
जेपी विंग के वकील उमाशंकर शर्मा ने कहा आजादी के बाद देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी कोर्ट ने बहू को अपने सास-ससुर को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।
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