दार्जिलिंग के चाय बागान मालिकों ने चाय बोर्ड से मांगी वित्तीय मदद
गोरखालैंड आंदोलन के चलते एक माह से चाय बागानों में कामकाज ठप...
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अलग गोरखालैंड राज्य की मांग पर पिछले करीब एक महीने से ज्यादा समय से जारी बेमियादी बंद व आंदोलन के चलते दार्जिलिंग के चाय बागानों में कामकाज पूरी तरह ठप है। इस कारण दूसरी फसल सीजन में चाय की चुगाई (पत्ती चुनना) नहीं होने से भारी संकट का सामना कर रहे दार्जिलिंग के चाय बागान मालिकों ने अब भारतीय चाय बोर्ड से वित्तीय मदद मांगी है।
चाय बोर्ड के उपाध्यक्ष संतोष सारंगी ने सोमवार को कहा कि दार्जिलिंग के चाय बागान मालिकों ने दूसरी चुगाई की फसल पूरी तरह नष्ट हो जाने के कारण कुछ विशेष वित्तीय सहायता के लिए हमसे संपर्क किया है। हालांकि अभी तक कोई सहायता नहीं दी गई है। लेकिन बागान मालिकों से यह सुझाव देने को कहा गया है कि इस संकट का प्रभाव कम से कम करने के लिए किस प्रकार के पैकेज की उन्हें जरूरत है।
सारंगी ने कहा कि कई बागान मालिक उनके पास आए और उन्होंने दार्जिलिंग की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया। इस पहाड़ी क्षेत्र में महीने भर से ज्यादा समय से चल रहे बंद और आंदोलन के चलते 87 बागानों में 150 से 200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
उनके मुताबिक चाय बोर्ड और उसकी योजनाओं के लिए इस वित्तीय वर्ष में 135 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। यदि अचानक अतिरिक्त आवंटन की मांग की जाती है तो हमें केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के पास जाना होगा। उधर दार्जिलिंग टी एसोसिएशन के चेयरमैन विनोद मोहन ने कहा कि हम योजना तैयार कर रहे हैं जिसे इस हफ्ते के अंत तक अंतिम रूप दिया जाएगा और हम उसे चाय बोर्ड को सौंप देंगे।
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