Move to Jagran APP

'रोनू' तूफान ने आंध्र-ओडिशा में मचाई तबाही, अलर्ट जारी

चक्रवाती तूफान रोनू की वजह से भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश पर संकट है। श्रीलंका की मदद के लिए भारत सरकार सामने आई है। वहीं आंध्र प्रदेश में किसी भी हालात का सामना करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह तैयार है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 19 May 2016 07:12 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2016 02:12 PM (IST)
'रोनू' तूफान ने आंध्र-ओडिशा में मचाई तबाही, अलर्ट जारी

नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी-मध्य भाग में बना गहरा दबाव क्षेत्र चक्रवाती तूफान रोनू में तब्दील हो गया है। उड़ीसा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में जमकर बारिश हो रही है। रोनू तूफान की वजह से जनजीवन पर असर पड़ा है। भारत के साथ साथ श्रीलंका और बांग्लादेश पर भी तूफान का असर है। श्रीलंका के तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। श्रीलंका सरकार की मदद के लिए भारत ने आइएनएस सुनयना और सतलज को राहत सामग्री के साथ कोलंबो रवाना किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारत सरकार संकट के समय हमेशा पड़ोसी मुल्कों की मदद में आगे रही है।

loksabha election banner

तस्वीरें: रोनू तूफान से तबाही, आइएनएस सुनयना-सतलज कोलंबो रवाना

रोनू तूफान की वजह से आंध्र प्रदेश तटीय इलाकों में जमकर बारिश हो रही है। नेल्लोर में तेज हवा और भारी बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तटीय इलाकों में बिजली की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है। जगह-जगह पर पेड़ जड़ से उखड़ कर सड़कों पर गिर गये हैं जिसकी वजह से यातायात पर असर पड़ा है। तूफान से निपटने के लिए एनडीआरएफ की चार टीमों को रवाना कर दिया गया है। राज्य सरकार का कहना है कि आपदा प्रबंधन टीम किसी भी हालात का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

रोनू तूफान से तबाही, देखें तस्वीरें

ओडिशा में 'रोनू'

रोनू तूफान की वजह से उड़ीसा के तटीय इलाके प्रभावित हुए हैं।मौसम विभाग के मुताबिक तूफान की रफ्तार में आज शाम तक इजाफा हो सकता है। तटीय इलाकों में फिलहाल 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं। चलनी शुरू हो जाएंगी. इसकी वजह से समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठेंगी. लिहाजा मौसम विभाग ने लोगों को समंदर के किनारे न जाने की सलाह दी है।

हवा की रफ्तार बढ़ने की आशंका

साइक्लोन रोनू में मौजूद हवाओं की रफ्तार की बात करें तो इस समय इसके अंदर 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे है। मौसम विभाग का कहना है कि रोनू की ताकत में अभी और इजाफा होगा। ऐसा अनुमान है कि अगले 12 से 24 घंटों में इसके भीतर घूम रही हवाओं की रफ्तार बढ़कर 95 से 105 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी। और साइक्लोन रोनू सिवियर साइक्लोन स्टॉर्म की कैटेगरी में आ जाएग। 20 मई से लेकर 23 मई के बीच तक रोनू के भीतर हवाओं की रफ्तार कई बार 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच जाएगी।

समंदर के किनारे नहीं जाने की सलाह

मौसम विभाग ने उत्तरी तमिलनाडु और पुड्डुचेरी के तटीय इलाकों में अगले 24 घंटे तक 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की भविष्यवाणी की है. यहां भी लोगों को अगले 24 घंटे तक समंदर के किनारे न जाने की सलाह दी गई है।

बांग्लादेश पर खतरा

इसके बाद साइक्लोन रोनू बांग्लादेश की तरफ मुड़ना शुरू कर देगा। मौसम विभाग के मुताबिक 21 मई की रात से रोनू तूफान की रफ्तार 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे रह जाएगी। 22 मई को चक्रवाती तूफान बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और केपूपारा के बीच तट से टकराएगा। जब ये साइक्लोन तट से टकराएगा तो समंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठेंगी और बांग्लादेश के तमाम इलाकों में भारी बारिश होगी। 22 मई से लेकर 24 मई तक भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में भारी से भारी बारिश की आशंका है।




Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.