दिल्ली की साइबर आबादी ने मतदान से पहले सुनाया फैसला
सोशल मीडिया पर जीने वाली कौमें वोटिंग के दिन का इंतजार नहीं करतीं। दिल्ली में मतदान भले बुधवार को हो, लेकिन सोशल नेटवर्किग वेबसाइटों पर फैसले अभी से आने लगे हैं। प्रचार की समय सीमा खत्म होने के बाद पार्टियों की भी इस पर खासी तवज्जो है। राष्ट्रीय राजधानी में इसकी पहुंच और पहली बार मतदान में भाग लेने वाल
नई दिल्ली, [मुकेश केजरीवाल]। सोशल मीडिया पर जीने वाली कौमें वोटिंग के दिन का इंतजार नहीं करतीं। दिल्ली में मतदान भले बुधवार को हो, लेकिन सोशल नेटवर्किग वेबसाइटों पर फैसले अभी से आने लगे हैं। प्रचार की समय सीमा खत्म होने के बाद पार्टियों की भी इस पर खासी तवज्जो है। राष्ट्रीय राजधानी में इसकी पहुंच और पहली बार मतदान में भाग लेने वाले युवाओं की बड़ी तादाद ने इसे और ज्यादा अहम बना दिया है।
दिल्ली में 18 से 19 साल के लगभग साढ़े तीन लाख वोटरों ने इस बार अपना पहचान पत्र बनवाया है। चुनाव आयोग के मुताबिक यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी तादाद में युवाओं ने चुनाव के लिए नाम दर्ज करवाया है। दिल्ली के वोटरों में इनका हिस्सा 0.7 फीसद से बढ़ कर सीधा 3.4 फीसद हो गया है। सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले देश के नौ करोड़ लोगों में बड़ा हिस्सा दिल्ली का भी है। एक और अनुमान के मुताबिक इस बार के आम चुनाव में देश भर में यह तीन से चार फीसदी वोट को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में दिल्ली जैसे महानगर में तो इसका प्रभाव और ज्यादा होगा।
यही कारण है कि दिल्ली के दावेदारों में से कोई भी इस लड़ाई में पीछे नहीं रहना चाहता। हर्षवर्धन को भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जाने के साथ ही पूरी ताकत के साथ पार्टी यहां जुट गई। एक नवंबर को ही शुरू हुए उनके पेज पर अब तक 65 हजार से ज्यादा लाइक आ चुके हैं। इसी तरह मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के फेसबुक पेज को भी 1.15 लाख लोगों ने पसंद किया है। इस लड़ाई में सबसे आगे आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल हैं। उनको लगभग दस लाख लोगों ने पसंद किया। हालांकि, जहां दीक्षित और हर्षवर्धन की अपील दिल्ली में है, केजरीवाल के प्रशंसकों में बड़ी तादाद बाहरी समर्थकों की होने के कारण इसके वोट में तब्दील होने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
फेसबुक और ट्विटर जैसी वेबसाइट से जुड़े लोग अपनी पसंद जताने में देरी नहीं कर रहे। ट्विटर पर सिर्फ दिल्ली के लोकप्रिय ट्रेंड देखें तो मंगलवार को लगातार आम आदमी पार्टी शीर्ष पर रही। यहां तक कि दूसरा सबसे लोकप्रिय ट्रेंड भी इसी के नाम रहा, जबकि तीसरे नंबर पर रहने वाला हैशटैग लुटेरी बहू भी सीधे राजनीति से जुड़ा है। ट्विटर पर हर्षवर्धन के जहां सिर्फ 17 हजार फालोअर हैं, केजरीवाल यहां सात लाख से ज्यादा लोगों की पसंद हैं। शीला दीक्षित के प्रचार की कमान संभाल रहे लोगों के मुताबिक उन्हें सोशल मीडिया से परहेज नहीं, मगर वे खुद ट्विटर पर नहीं हैं। सभी पार्टियों ने इस मैदान में झंडे गाड़ने के लिए युवा पेशेवरों की टीम लगाई हुई है।
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