डिजिटल क्राइम के मामलों में मदद के लिए ‘सॉफ्टवेयर’
इशान सिन्हा ने विशेष सॉफ्टवेयर ‘इंटेलीजेंस गैदरिंग एंड ट्रैकिंग’ डिजायन किया है जो डिजिटल क्राइम में लगाम लगाने पर प्रतिबंध लगाएगा।
नई दिल्ली। दिनों-दिन डिजिटल क्राइम के मामलों में हो रही बढ़ोतरी में मदद के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया। इसका उपयोग कई राज्यों की पुलिस द्वारा किया जा रहा है। पुलिस इसे अपने मोबाइल पर एक्सेस कर सकते हैं।
गाजियाबाद के साइबर क्राइम इंवेस्टीगेटर ने नया सॉफ्टवेयर विकसित किया है जो ऑनलाइन स्टॉकिंग, फेक प्रोफाइल्स, अफवाहों का प्रसार और आतंकी गुटों के समर्थन जैसे डिजिटल क्राइम पर लगाम लगाने में पुलिस की मदद करेगा। इशान सिन्हा ने विशेष सॉफ्टवेयर ‘इंटेलीजेंस गैदरिंग एंड ट्रैकिंग’ डिजायन किया है।
इंडिया टुडे के अनुसार, इसका उपयोग महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और पंजाब पुलिस कर रही है।
दिल्ली के पुलिस अधिकारी का कहना है, ‘हमने डिजिटल क्राइम में तेज बढ़ोतरी देखी और इंटरनेट पर कोई सीमा नहीं है। इन डाटा की स्कैनिंग काफी मुश्किल काम है लेकिन इस सॉफ्टवेयर के जरिए यह काम आसान हो गया है।‘
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इस सॉफ्टवेयर के फीचर्स के बारे बताते हुए सिन्हा ने कहा, ‘मैंने सुरक्षा एजेंसियों को इंटरनेट पर सूचनाओं के लिए संघर्ष करते देखा है। इसलिए अनोखे सॉफ्टवेयर को डिजायन किया जो सोशल मीडिया अनालीसिस करता है और डिजिटल वर्ल्ड में खूफिया सूचनाओं को एकत्रित करता है। इसके जरिए लाखों यूजर्स के बीच से क्रिमिनल और आतंकियों को फिल्टर भी किया जा सकता है और उनपर नजर रखी जा सकती है। पुलिस के डिमांड पर सॉफटवेयर को कस्टमाइज करने का भी ऑप्शन है।‘
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इस सॉफ्टवेयर को बनाने में सिन्हा को एक साल का समय लग गया।