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90 करोड़ के घोटाले में कलमाड़ी पर आरोप तय

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। लगभग

By Edited By: Published: Mon, 04 Feb 2013 11:21 AM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2013 09:10 PM (IST)
90 करोड़ के घोटाले में कलमाड़ी पर आरोप तय

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। लगभग 90 करोड़ के राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रमंडल खेल समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी समेत 10 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप तय कर दिए। सीबीआइ द्वारा दायर चार्जशीट पर विशेष जज रविंद्र कौर 20 फरवरी को मामले की अगली सुनवाई करेंगे। जल्द निपटारा करने के लिए स्पीडी ट्रायल के तहत सप्ताह में चार दिन मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और शनिवार को मामले की सुनवाई की जाएगी।

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अदालत ने सुरेश कलमाड़ी, आयोजन समिति का पूर्व सेक्रेटरी जनरल ललित भनोट, पूर्व डायरेक्टर जनरल वीके वर्मा, सुरजीत लाल, पूर्व संयुक्त निदेशक एएसवी प्रसाद, पूर्व कोषाध्यक्ष एम जयाचंद्रन, पीडी आर्य, एके मदान, एके रेड्डी व एक अन्य आरोपी पर फर्जी कागजात तैयार करने, धोखाधड़ी, साजिश रचने और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप तय किए हैं। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया सभी आरोपियों के खिलाफ यह मामला बनता है, लिहाजा उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। कलमाड़ी को 25 अप्रैल, 2011 को गिरफ्तार किया गया था। लगभग नौ माह जेल में बिताने के बाद उन्हें 19 जनवरी, 2012 को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी। सीबीआइ के अनुसार, अनियमितताओं के कारण केंद्र सरकार को लगभग 90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

क्या है कहानी

-स्विट्जरलैंड की स्विस टाइमिंग कंपनी ने राष्ट्रमंडल खेल शुरू होने के महज चंद रोज पहले टाइमिंग स्कोरिंग रिजल्ट (टीएसआर) सिस्टम उपलब्ध कराया। इस समझौते के तहत कंपनी को 141 करोड़ रुपये दिए गए। स्विस कंपनी को ठेका दिलाने में सुरेश कलमाड़ी की मुख्य भूमिका रही।

-कलमाड़ी के सहयोगियों ललित भनोट और वीके वर्मा ने स्पेन की एमएसएल कंपनी की निविदा को खारिज किया, जबकि वह टीएसआर महज 48 करोड़ रुपये में देने को तैयार थी। -स्विस टाइमिंग कंपनी से समझौता करने के लिए नियमों में फेरबदल किया गया।

-29 नवंबर, 2010 को सीबीआइ ने दायर अपनी एफआइआर में कहा-'ऐसे नियम बनाए गए, जिससे कि स्विस कंपनी के अलावा कोई अन्य निविदा हासिल न कर सके'

-टीएसआर की रेस में शामिल दो अन्य कंपनियों अमेरिका की कोलोराडो टाइम सिस्टम और जापान की सीको कंपनी की निविदाओं की उपेक्षा की गई।

-राष्ट्रमंडल खेल शुरू होने से पहले ही 90 प्रतिशत भुगतान स्विस कंपनी को कर दिया गया।

कलमाड़ी पर कसेगा ईडी का भी शिंकजा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान टाइम, स्कोर और रिकॉर्ड दिखाने वाले सिस्टम में घोटाले के आरोपियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी शिकंजा करने की तैयारी में है। जहां एक तरफ सीबीआइ की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने सुरेश कलमाड़ी समेत नौ के खिलाफ आरोप तय कर दिए, वहीं इसी मामले में ईडी ने आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष जयचंद्रन और एकेआर कंस्ट्रक्शन के मालिक एके रेड्डी से पूछताछ की।

सीबीआइ के साथ-साथ ईडी भी टीआरएस घोटाले में मनी लांड्रिंग और फेमा उल्लंघन के आरोपों की जांच कर रहा है। ईडी को नियंत्रित करने वाले वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जल्द ही इस मामले में सुरेश कलमाड़ी समेत अन्य आरोपियों से भी पूछताछ की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ अलग से मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत चार्जशीट दाखिल करने के साथ ही घोटाले से की गई काली कमाई भी जब्त की जाएगी।

शीला पर कार्रवाई करें प्रधानमंत्री

राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी पर आरोप तय होते ही भाजपा ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। पार्टी ने याद दिलाया कि शुंगलू समिति ने शीला की भूमिका पर सवाल उठाया था। लिहाजा प्रधानमंत्री कार्रवाई करें। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सुरेश कलमाड़ी पर ठगी, षड्यंत्र और देश के खजाने को 90 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप तय हो गया है। मौका गंवाए बिना भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों के भ्रष्टाचार की जांच के लिए प्रधानमंत्री ने ही शुंगलू समिति बनाई थी। उसने शीला दीक्षित को भी कठघरे में खड़ा किया था। तब उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।

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