अजहर मसूद की तरह आतंकवाद भड़काना चाहता था क्यूम
जम्मू-क्षेत्र के अखनूर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़े गए पाकिस्तानी घुसपैठिए को लेकर खुलासा हुआ है। आतंकी अब्दुल क्यूम का राज्य आने का मकसद सुरक्षाबलों पर हमले से कहीं ज्यादा खतरनाक था।
जम्मू, (राज्य ब्यूरो)। लश्कर -ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल क्यूम का राज्य आने का मकसद सुरक्षाबलों पर हमले से कहीं ज्यादा खतरनाक था। मुंबई हमले के मास्टर माइंड अजहर मसूद की तरह दिमाग से आतंक की आग भड़काना उसका लक्ष्य था। वह अल्लाह का बंदा बन कर जेहाद का संदेश लाया था।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार 32 वर्षीय क्यूम ने राज्य में बिना हथियार घुसने के लिए वह समय चुना था जब कश्मीर के युवा हिंसक होकर अलगाववादियों के इशारों पर नाच रहे हैं व दिमाग में जहर घोलना बहुत आसान था।
जो काम क्यूम करना चाहता था व करीब अढ़ाई दशक पहले कश्मीर में अजहर मसूद भी कर चुका है। मसूद कश्मीर में छिपकर रहा था व वर्ष 1994 में पकड़े जाने से पहले अल्लाह का बंदा बनकर लोगों को ताबीज बांधता था। यही काम उसने वर्ष 1999 जेल में किया। अजहर कंधार विमान अपहरण कांड की एवज में रिहा किए गए 3 आतंकवादियों में से एक था। पाकिस्तान जाने के बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद बनाया।
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इसी बीच सुरक्षाबलों, खुफिया एजेसियां क्यूम से पूछताछ के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि उसे दिमाग से आतंकवाद भड़काने की मंशा से भेजा जा रहा था। क्यूम लश्कर का कट्टर आतंकी था जो पढ़ा, लिखा, ब्रेनवाश करने में सक्षम व इस्लाम के बारे में पूरी जानकारी रखने वाला था। उसने पूछताछ के दौरान भी बताया था कि वह खुदा का बंदा है जो कई करिश्मे कर सकता है। वह पागलपन की हद तक जेहादी प्रचार सामग्री छापने, बांटने व युवाओं को बरगलाने के संलिप्त था।
क्यूम से पूछताछ कर चुके सीमा सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने जागरण को बताया कि उसकी कोशिश थी कि सीमा पार करने के बाद वह किसी मस्जिद में शरण लेकर अपना काम शुरू कर दे। सीमा पार से कश्मीर के हालात बिगाड़ने की साजिश के तहत मस्जिदों में से हिंसक प्रदर्शनों को शह दी जा रही है।