सीबीएसई ने कहा, अब सीटेट की परीक्षा साल में एक बार ही होगी
बोर्ड का कहना है कि जेईई-मेन और नीट सहित कई अन्य परीक्षाओं के चलते उस पर बहुत ज्यादा बोझ बढ़ गया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अब साल में सिर्फ एक बार सीटेट का आयोजन करेगा। पहली कक्षा से आठवीं तक के शिक्षकों की भर्ती के लिए इस समय साल में दो बार केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया जाता है। सीबीएसई ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपने फैसले की जानकारी दे दी है। बोर्ड का कहना है कि जेईई-मेन और नीट सहित कई अन्य परीक्षाओं के चलते उस पर बहुत ज्यादा बोझ बढ़ गया है। हाल ही में बोर्ड ने कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए होने वाले नेट का आयोजन साल में एक बार करने का प्रस्ताव भी रखा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जब सभी बड़ी प्रतियोगिता परीक्षाओं का आयोजन साल में सिर्फ एक बार किया जाता है, तो फिर सीटेट या नेट क्यों दो बार आयोजित होनी चाहिए? उन्होंने कहा कि इन परीक्षाओं में बड़ी संख्या में छात्र बैठते हैं। इसलिए इनके आयोजन के लिए बहुत ज्यादा संसाधनों की जरूरत होती है। इसके अलावा साल में दो बार होने से परीक्षार्थियों की गंभीरता भी प्रभावित होती है। दो बार परीक्षा होने से उनको समय व्यर्थ होने का डर नहीं रहता है। इसलिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से विचार-विमर्श करने के बाद सीबीएसई ने साल में एक बार ही सीटेट का आयोजन करने का फैसला लिया है।
क्या है सीटेट
--राजकीय और निजी विद्यालयों में प्राथमिक या प्रशिक्षित शिक्षक बनने के लिए सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट या सीटेट उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
--मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2010 में एक सूचना जारी कर शिक्षकों की भर्ती के लिए इसे अनिवार्य कर दिया था।
--इस समय साल में दो बार सीटेट का आयोजन होता है। सितंबर और फरवरी में यह परीक्षा होती है। एक माह पहले इसके लिए आवेदन भरा जाता है।
--फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि नई व्यवस्था लागू होने पर कौन-से महीने में इस परीक्षा का आयोजन होगा।