उम्र और खेल का संबंध अहम है? एक बार जरा इसको पढ़ लीजिए
उम्र और खेल के बीच संबंध जरूरी और अहम है? क्या आपको भी ऐसा ही लगता है, क्या उम्र तय करती है कि खिलाड़ियों का प्रदर्शन कैसा होगा या वो कितने समय तक मैदान पर टिक पाएगा? अगर आपको ऐसा लगता है तो इस भ्रम को दिमाग से निकाल दीजिए।
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। उम्र और खेल के बीच संबंध जरूरी और अहम है? क्या आपको भी ऐसा ही लगता है, क्या उम्र तय करती है कि खिलाड़ियों का प्रदर्शन कैसा होगा या वो कितने समय तक मैदान पर टिक पाएगा? अगर आपको ऐसा लगता है तो इस भ्रम को दिमाग से निकाल दीजिए। यूं तो इस आइपीएल में काफी ऐसे मौके आए जब हमें खिलाड़ी उम्र से जुड़े भ्रम को तोड़ते दिखे लेकिन शुक्रवार के मैच ने तो इस चीज पर अच्छे से मुहर लगा दी।
- धरा रह गया युवा जोश, इन्होंने दिखाया कमालः
आइपीएल-8 के दूसरे क्वालीफायर में जब चेन्नई सुपरकिंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर की टीमें आमने-सामने थीं तो दोनों टीमों में युवा धुरंधरों की अच्छी खासी फौज मौजूद थी.....लेकिन जिनके दम पर चेन्नई की टीम मैच जीतने व फाइनल तक पहुंचने में सफल रही उनमें से एक की उम्र थी 36 साल और दूसरे की 39 साल। हम बात कर रहे हैं 36 वर्षीय आशीष नेहरा की जिन्होंने 4 ओवर में 28 रन लुटाते हुए बेंगलूर के तीन अहम विकेट गिराए जिसमें कोहली, एबी डीविलियर्स और कार्तिक के विकेट शामिल थे। नेहरा के दम पर ही चेन्नई ने बेंगलूर को 139 के स्कोर पर रोकने में सफलता हासिल की।
फिर जब चेन्नई 140 के लक्ष्य का जवाब देने उतरी तो उसने 61 के स्कोर पर अपने तीन शीर्ष बल्लेबाजों के विकेट गंवा दिए। ऐसे में जरूरत थी एक मजबूत पारी की और इस पारी को अंजाम दिया टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ी माइक हसी ने जो कि चार दिनों में 40 साल के होने जा रहे हैं। हसी ने 46 गेंदों पर 56 रनों की बेहतरीन पारी खेली, जिसमें 2 छक्के और 3 चौके शामिल रहे। मैच का नतीजा एक गेंद शेष रहते यानी 19.5 ओवर में निकल पाया। इससे साबित होता है कि अगर हसी ने वो पारी न खेली होती तो शायद नतीजा चेन्नई के पक्ष में न जा पाता।
- .....और भी हैंः
वैसे सिर्फ नेहरा और हसी ही नहीं। इस आइपीएल में कई ऐसे और भी खिलाड़ी दिखे जिन्होंने अपनी उम्र को किनारे रखते हुए क्रिकेट के सबसे तेज फॉर्मेट में जबरदस्त प्रदर्शन किया। इसमें कुछ खिलाड़ी सरफराज खान (17 वर्ष) श्रेयस अय्यर (20 वर्ष) और मनदीप सिंह (23 वर्ष) जैसे भी थे जिन्होंने कम उम्र होने के बावजूद दिग्गज धुरंधरों के पसीने छुड़ाए जबकि नेहरा और हसी के साथ-साथ ब्रैड हॉग (44 वर्ष, 6 मैचों में 9 विकेट) और प्रवीण तांबे (43 वर्ष, 10 मैचों में 7 विकेट) जैसे धुरंधर भी मौजूद रहे जिन्होंने ज्यादा उम्र के सवालिया निशान को चुटकियों में मिटाकर रख दिया।