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व्हिसिल ब्लोअर का नाम बताने से प्रशांत भूषण का इन्कार

ख्जी मामले में सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा पर आरोपियों से मिलने का आरोप लगाने वाली स्वयंसेवी संस्था सीपीआइएल ने व्हिसिल ब्लोअर की सुरक्षा का हवाला देते हुए उसकी पहचान उजागर करने से इन्कार कर दिया है। हालांकि जनहित की दुहाई देते हुए कोर्ट से अनुरोध किया है कि सिन्हा को ख्जी की जांच से अलग किया जाए। सीपीआइएल ने यह बात गुरुवार को सुप्रीमकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कही है।

By Edited By: Published: Thu, 18 Sep 2014 03:25 PM (IST)Updated: Fri, 19 Sep 2014 08:58 AM (IST)
व्हिसिल ब्लोअर का नाम बताने से प्रशांत भूषण का इन्कार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ख्जी मामले में सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा पर आरोपियों से मिलने का आरोप लगाने वाली स्वयंसेवी संस्था सीपीआइएल ने व्हिसिल ब्लोअर की सुरक्षा का हवाला देते हुए उसकी पहचान उजागर करने से इन्कार कर दिया है। हालांकि जनहित की दुहाई देते हुए कोर्ट से अनुरोध किया है कि सिन्हा को ख्जी की जांच से अलग किया जाए। सीपीआइएल ने यह बात गुरुवार को सुप्रीमकोर्ट में दाखिल हलफनामे में कही है।

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सुप्रीमकोर्ट ने सीपीआइएल के वकील प्रशांत भूषण से कहा था वे सीलबंद लिफाफे में व्हिसिल ब्लोअर का नाम बताएं। सूचना का स्त्रोत जानने पर ही उनके आरोपों पर विचार किया जाएगा। इस मामले में ख्ख् सितंबर को सुनवाई होनी है।

सीपीआइएल की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि संस्था की कार्यकारिणी की बैठक में व्हिसिल ब्लोअर का नाम न बताने का प्रस्ताव पारित हुआ। संस्था का कहना है कि उसे सूचना इस भरोसे पर दी गई थी उसकी पहचान उजागर नहीं की जाएगी। ऐसे में नाम का खुलासा करना विश्वास भंग करना होगा। व्हिसिल ब्लोअर की जान को खतरा पैदा हो सकता है। पूर्व में पहचान उजागर होने से सत्येंद्र दुबे, मंजूनाथ आदि व्हिसिल ब्लोअर को जान गंवानी पड़ी। संस्था ने व्हिसिल ब्लोअर संरक्षण कानून का भी हवाला दिया है जिसमें पहचान गोपनीय रखने की बात है। यह भी कहा गया है कि क्म् सितंबर को प्रख्यात बुद्धिजीवियों ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर व्हिसिल ब्लोअर के नाम का खुलासा न करने का अनुरोध किया है। यह भी कहा गया है कि हवाला और ख्जी समेत कई मामलों में कोर्ट ने सूचना का स्त्रोत पूछने के मामले में संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए हैं। पेश मामले को देखने से सीबीआइ निदेशक के आरोपियों से मिलने और ख्जी मामले की जांच को प्रभावित करने के आरोप साबित होते हैं। अर्जी में मामले पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है।

वहीं, कोल घोटाले मामले में भी याचिकाकर्ता संस्था कामन काज ने कोर्ट से अनुरोध किया कि वह सरकार को मोमिन कुरैशी के बारे में आयकर महानिदेशक द्वारा तैयार रिपोर्ट पेश करने को कहे।


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