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कोर्ट ने कहा- हर शिक्षित शख्‍स को नहीं मिलती नौकरी, पति को देना होगा खर्च

दहेज मामले में प्रताड़ित हो रही महिला ने पति से अलग हो खर्चे की मांग की, जिसे पति ने नकारते हुए कहा था- खर्च उठाने के लिए पर्याप्‍त शिक्षित है उसकी पत्‍नी।

By Monika minalEdited By: Published: Sat, 25 Mar 2017 12:20 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 12:31 PM (IST)
कोर्ट ने कहा- हर शिक्षित शख्‍स को नहीं मिलती नौकरी, पति को देना होगा खर्च
कोर्ट ने कहा- हर शिक्षित शख्‍स को नहीं मिलती नौकरी, पति को देना होगा खर्च

नई दिल्‍ली (प्रेट्र)। दिल्‍ली कोर्ट ने पति के उस दावे को नकारते हुए पत्‍नी को हर माह 15,000 रुपये की राशि एलमनी के तौर पर निर्धारित की है। इसके पहले पति ने पत्‍नी को एलमनी राशि देने से इंकार करते हुए कहा था कि वह शिक्षित है और अपना खर्च उठा सकती है।

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कोर्ट के अनुसार, जरूरी नहीं कि हर शिक्षित के पास रोजगार हो और पति को निर्देश दिया कि पत्‍नी से अलग होने के बाद उसे हर माह 15,000 रुपये एलमनी के तौर पर देने होंगे। अतिरिक्‍त सेशन जज विकास ढल ने मजिस्‍ट्रियल कोर्ट के उस आदेश को नकार दिया, जिसमें महिला के ग्रेजुएट होने के आधार पर एलमनी राशि देने से इंकार किया गया था।

शिक्षित होना अलग बात है, लेकिन क्‍वालिफिकेशन के आधार पर नौकरी मिलना दूसरी बात। शिक्षित होने का मतलब यह नहीं कि शख्‍स को नौकरी मिल ही जाएगी। ट्रायल कोर्ट की ओर से महिला को एलमनी राशि दिए जाने से इंकार का आदेश गलत था। ट्रायल कोर्ट भूल गया कि सामाजिक दायरे के अनुसार एक पति पर उसकी पत्‍नी की हिफाजत और उसके रहन-सहन का जिम्‍मा होता है।

कोर्ट ने शख्‍स की आय 70,000 रुपये होने की बात का पता लगाया और पत्‍नी को हर माह 15,000 रुपये देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी बताया कि महिला फिजिकल एजुकेशन में ग्रेजुएट है जो एक नौकरी पाने के लिए पर्याप्‍त नहीं। गाजियाबाद में रहने वाली महिला ने पति से रख रखाव का खर्च मांगा था।

महिला का कहना है कि कम दहेज लाने का आरोप लगाकर उसके पति और ससुराल वालों ने उसे मारा-पीटा और प्रताड़ित किया है। महिला ने यह भी कहा कि मई 2015 में उसके ससुराल वालों ने कुछ नशीला पदार्थ खिलाकर बुलंदशहर में नदी के किनारे फेंक दिया था। इस संबंध में उसने प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी।

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