गुर्जरों से रेल पटरी न खाली कराने पर सरकार को फटकार
राजस्थान में गुर्जर आंदोलन के चलते रेल और सड़क यातायात बाधित होने से खफा हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है।
जयपुर । राजस्थान में गुर्जर आंदोलन के चलते रेल और सड़क यातायात बाधित होने से खफा हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। न्यायाधीश आरएस राठौड़ ने मुख्य सचिव सीएस राजन और पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट से कहा, आप सचिवालय में बैठकर समीक्षा कर रहे हैं और प्रदेश में कानून-व्यवस्था का बुरा हाल है। आप प्रदेश के मुखिया हो। मुझे तुरंत रेलवे पटरी और आगरा-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग खाली चाहिए। हाई कोर्ट ने बुधवार को मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक के साथ-साथ रेलवे की डीआरएम अर्चना जोशी और रेलवे के महानिरीक्षक को तलब किया था। गुरुवार सुबह चारों अफसर कोर्ट के सामने पेश हुए।
कानून व्यवस्था बिगड़ने का दिया तर्क
जब अधिकारियों ने अदालत से कहा कि वे धरने पर बैठे गुर्जर आंदोलनकारियों को जबरदस्ती रेल पटरी से हटाएंगे तो कानून व्यवस्था और बिगड़ सकती है। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि आप अखबार नहीं पढ़ते क्या? गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला खुद कह रहे हैं कि वे कानून का सम्मान करते हैं। यदि कोई उन्हें हटाएगा तो वे लोग पटरी के निकट स्थित खेतों में जाकर बैठ जाएंगे। फिर आप कार्रवाई क्यों नहीं करते। अदालत ने चारों अफसरों को शुक्रवार को फिर पेश होकर अपनी कार्रवाई के बारे में बताने को कहा है।
आंदोलन का आठवां दिन, वार्ता जारी
गुर्जर प्रदर्शनकारी भरतपुर स्थित पीलूपुरा रेल पटरी पर पिछले आठ दिनों से बैठे हुए हैं। गुरुवार को भी कई ट्रेनों को रद किया गया तो कइयों का मार्ग परिवर्तित किया गया। गुर्जर नेताओं की सरकार के साथ वार्ता जारी रही।
गुर्जर समाज का रुख नरम
हाई कोर्ट की सख्ती के बाद गुर्जर नेता कर्नल बैंसला ने सुबह सरकार से वार्ता के लिए जयपुर रवाना होने से पहले पीलूपुरा रेल पटरी पर कब्जा जमाए गुर्जरों से कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं। यदि पुलिस या पैरामिलिट्री फोर्स हटाने आए तो पटरी से खेतों में चले जाना, लेकिन संघर्ष नहीं करना। यही बात उन्होंने जयपुर-आगरा राजमार्ग पर बैठे प्रदर्शनकारियों से भी कही।
केंद्र ने भेजे सुरक्षाबल
केंद्र सरकार की तरफ से भेजी गई पैरामिलिट्री फोर्स की 20 कंपनियों को गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में तैनात करने के साथ हेलीकॉप्टर भी तैनात किया गया है।
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