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दादरी जैसी घटनाओं से बिगड़ती है देश की छवि: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दादरी के बिसाहड़ा कांड की निंदा की और ऐसी घटनाओं को देश की छवि बिगाडऩे वाला बताया। जेटली कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक व्याख्यान के बाद सोमवार को संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2015 06:19 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2015 06:26 AM (IST)
दादरी जैसी घटनाओं से बिगड़ती है देश की छवि: जेटली

न्यूयॉर्क, एजेंसियां। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दादरी के बिसाहड़ा कांड की निंदा की और ऐसी घटनाओं को देश की छवि बिगाडऩे वाला बताया। जेटली कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक व्याख्यान के बाद सोमवार को संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि भारत एक परिपक्व समाज है। हमें ऐसी घटनाएं नहीं होने देनी चाहिए। इससे देश की बदनामी होती है। विदेशी निवेशकों पर इसके असर के सवाल पर जेटली ने कहा कि वह कह चुके हैं कि ऐसी घटनाओं से नीति में बदलाव हो सकता है। इसलिए सभी भारतीयों की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे काम और बयान से बचें ताकि इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं न हों। गौरतलब है कि पिछले सोमवार को दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोमांस खाने की अफवाह को लेकर भीड़ ने एक व्यक्ति को पीट कर मार डाला था।

अपने व्याख्यान में वित्त मंत्री ने देश में पिछले दशक में अवसरों को खोने के लिए 1971 की मानसिकता को दोषी बताया। उन्होंने कहा कि तब लोग विकास और उच्च उत्पादकता की बजाय नारों और पुनर्वितरण में विश्वास करते थे।

उन्होंने कहा कि अब भारत इस कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहा है। जेटली ने सोनिया गांधी नाम लिए बगैर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर किसी का प्रभाव था जिसकी सोच 1971 में अटकी हुई थी। उन्होंने कहा कि यह समय 1971 के विपरीत विकास की बढ़ती आशाओं का है।

उन्होंने कहा कि 2015 में देश 1971 की तरह केवल नारों पर कायम नहीं रह सकता। उन्होंने इस संदर्भ में इंदिरा गांधी के 'गरीबी हटाओ' नारे का जिक्र किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की सब्सिडी नीति में किए गए बदलाव को क्रांतिकारी बताया।


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