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ये देश मांगे मोर...

हमारा देश विविधताओं में एकता का देश है। यहां सभी धर्म, संप्रदाय, रीति-रिवाज और कई भाषाएं बोलने वाले लोग निवास करते हैं। ऐसे में यहां पिछले कई वर्षों से मजबूत व स्थिर सरकार नहीं रही। यूं कहें तो पिछले दो दशक से यहां अल्पमत की सरकारें हीं शासन करती रहीं।

By anand rajEdited By: Published: Sat, 28 Feb 2015 08:56 AM (IST)Updated: Sat, 28 Feb 2015 10:30 AM (IST)
ये देश मांगे मोर...

नई दिल्ली। हमारा देश विविधताओं में एकता का देश है। यहां सभी धर्म, संप्रदाय, रीति-रिवाज और कई भाषाएं बोलने वाले लोग निवास करते हैं। ऐसे में यहां पिछले कई वर्षों से मजबूत व स्थिर सरकार नहीं रही। यूं कहें तो पिछले दो दशक से यहां अल्पमत की सरकारें हीं शासन करती रहीं। यही वजह है कि यहां भ्रष्टाचार, महंगाई, कालाबाजारी व तुष्टिकरण का खूब बोलबाला रहा। वर्तमान में हमारे पास बहुमत की सरकार है और एक ऐसा नेतृत्व है जो दूरदर्शी है, दूरगामी है व उसके पास एक विजन है, जो हमें विकास के पथ पर तेजी से दौड़ा सकता है। इस सरकार से लोगों को बहुत उम्मीदें है। हाल के दिनों में प्रधानमंत्री द्वारा लिए फैसले यानी ये देश मांगे मोर।

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आज मोदी सरकार अपना पूर्ण बजट पेश करेगी। इस बजट पर पूरे देश की नजर है। यहां तक की सभी मंत्रालय भी इस बजट को लेकर वित्त मंत्री की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, ऊर्जा ये ऐसे क्षेत्र हैं जो आम आदमी की रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालते हैं। ऐसे में इन चारों मंत्रालयों को वित्त मंत्री से ढेरों उम्मीदें हैं।

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