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फीरोजाबाद: धर्मांतरण को दबाने की कोशिश

नगला तुलसी में धर्मांतरण का मुद्दा उछलने के बाद प्रशासन की भूमिका पर उंगलियां उठ रही हैं। एसडीएम ने सोमवार को गांव का निरीक्षण किया लेकिन चंगाई सभा को कीर्तन बताकर मामले को दबाने का प्रयास किया। उधर इस खेल से जुड़े लोग भूमिगत हो गए है। चंगाई सभा कराने

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 09:18 PM (IST)Updated: Tue, 23 Dec 2014 04:01 AM (IST)
फीरोजाबाद: धर्मांतरण को दबाने की कोशिश

टूंडला (फीरोजाबाद)। नगला तुलसी में धर्मांतरण का मुद्दा उछलने के बाद प्रशासन की भूमिका पर उंगलियां उठ रही हैं। एसडीएम ने सोमवार को गांव का निरीक्षण किया लेकिन चंगाई सभा को कीर्तन बताकर मामले को दबाने का प्रयास किया। उधर इस खेल से जुड़े लोग भूमिगत हो गए है। चंगाई सभा कराने वाली महिलाएं गांव में नजर नहीं आईं। वैसे यह साफ हो गया है कि पूरा खेल चंगाई सभा (प्रार्थना) के नाम पर ही चलता था।

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नगला तुलसी में ईसाई धर्म के प्रवर्तकों की सक्रियता गत एक वर्ष से बढ़ीकुई थी। चंगाई सभा के नाम पर अनपढ़ महिलाओं को प्रार्थना सभा में बुलाया जाता। ईसाई प्रचारक महिलाएं रोग ठीक होने का दावा करतीं। इससे अनपढ़ तबके की प्रार्थना सभा एवं ईसाई धर्म में आस्था बढ़ती गई। इसी दौरान महिलाओं को बाइबल उपहार में दीं। सोमवार को उपजिलाधिकारी टूंडला श्रीराम यादव ने नगला तुलसी पहुंच कर मामले की जांच की। उन्होंने महिलाओं और गांव के लोगों से भी बात की। इसके बाद उन्होंने धर्मांतरण के प्रयास से इन्कार किया। इधर भाजपा नेताओं ने भी गांव में पहुंच कर ग्र्रामीणों से बातचीत कर रोष जताया।

बरहन के गांव से आती थी महिला :


नगला तुलसी में ईसाई धर्म की सीख देने में थाना बरहन के नगला परिहार की महिला की बड़ी भूमिका है। फूलवती नाम की इस महिला ने नगला तुलसी की दर्जनों महिलाओं को रुपयों का लालच देकर खुद के साथ जोड़ा था। सबसे पहले चंगाई सभा की शुरुआत भी फूलवती ने कराई। इसके बाद सभाएं कराने के लिए बाकायदा रुपये भी दिए जाते। इस बीच चंगाई सभा कराने वाली कई महिलाएं सोमवार को गांव से गायब हो गईं।
चंगाई सभा में आने पर सामान्यत: दस रुपये दिए जाते थे। लालच में हर रविवार को गांव में महिलाएं चंगाई सभा का आयोजन करने लगीं। एत्मादपुर के नगला संपत की दर्जनों महिलाओं ने पहले ही नगला तुलसी में संपन्न चंगाई सभा में धर्म परिवर्तन की बात स्वीकारी है। नगला तुलसी की सीमा भी चंगाई सभा में पादरी के आने एवं बाइबल पढ़ाने की बात स्वीकारती है।


नारखी तक नेटवर्क :
चंगाई सभा के आयोजन में नारखी के गांव आसलपुर के भी कुछ लोगों का हाथ है। नगला तुलसी का राजू बताता है रविवार को गांव आसलपुर से आधा दर्जन लोग आए थे। उन्होंने 25 दिसंबर को आसलपुर में प्रभु का जन्मदिवस मनाने की बात कही थी। लालच भी दिया था वहां पर खाने के साथ उपहार दिए जाएंगे।


''हमने गांव में पहुंच कर हर पहलू से छानबीन की है। धर्म परिवर्तन जैसी कोई बात नहीं। बीमारी में फायदा होने पर लोग चंगाई सभा नहीं, बल्कि भजन कीर्तन करते हैं।
-श्रीराम यादव, उपजिलाधिकारी टूंडला

नहीं पढूंगी बाइबिल, मां को कुछ न हो :
सोमवार से सीमा घर से गायब है। ऐसे में बेटी रोली का रो-रोकर बुरा हाल है। रोली कहती है अब हम बाइबल नहीं पढ़ेंगे, लेकिन मां को कुछ नहीं होना चाहिए। तहसील से आने वाले जेल भेजने की धमकी दे गए हैं।

प्रलोभन देकर कराया धर्म परिवर्तन : चक
धर्म परिवर्तन की खबर पर पूर्व विधायक शिव सिंह चक के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता नगला तुलसी पहुंचे। पूर्व विधायक ने कहा गांव में चंगाई सभा का मामला प्रकाश में आया है। कइयों को बाइबिल दी गई है। ईसाई धर्म स्वीकारने पर रुपये एवं नौकरी का लालच दिया। प्रशासन के भय से ही ग्र्रामीण अब खुलकर नहीं बोल रहे। एक वर्ष से यह खेल चल रहा था। इस मामले की प्रशासन जांच करा दोषियों पर मुकदमा दर्ज कराए। गांव पहुंचने वालों में जिला महामंत्री वृन्दावनलाल गुप्ता, रूपेश शुक्ला, पूर्व ब्लाक प्रमुख हनुमंत सिंह बघेल, सतीश बघेल समेत अन्य प्रमुख हैं।


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