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कांग्रेस की बेरुखी से GST पर संकट, राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलेंगे जेटली

कांग्रेस के रुख से जीएसटी बिल एक बार फिर मुश्किलों में फंसता नजर आ रहा है। इस मामले में आज वित्त मंत्री अरुण जेटली की राज्यों के वित्त मंत्रियों से खास बैठक होने वाली है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 01:54 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jul 2016 06:44 AM (IST)
कांग्रेस की बेरुखी से GST पर संकट, राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलेंगे जेटली

नई दिल्ली । जीएसटी बिल पर केंद्र सरकार आम सहमति बनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है। लेकिन कांग्रेस के बदलते रुख की वजह से इस बिल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। आज वित्त मंत्री अरुण जेटली इस पर संशोधनों के लिए सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलने वाले हैं। लेकिन ठीक एक दिन पहले संसद में सरकार और कांग्रेस के बीच इस मसले पर गतिरोध नजर आने लगा है।

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कांग्रेस ने सोमवार को सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार जीएसटी पर आम सहमति बनाने और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर हमला करने का काम एक साथ कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम देश हित में सदन में सहयोग कर रहे हैं। लेकिन राजनीतिक रूप से सरकार बदला ले रही है। जीएसटी पर अपने मौजूदा लचीले रुख को छोड़कर फिर से सख्त रुख अपनाने की धमकी दे रही है। मानसून सत्र शुरू होने से पहले जीएसटी पर मतभेदों को दूर करने के लिए सरकार के साथ इसकी औपचारिक वार्ता भी हुई थी।

पिछले नवंबर के बाद यह पहली बैठक थी। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मसले पर बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। पिछले सप्ताह इस मामले में तब दोनों पक्षों के बीच प्रगति दिखी जब जीएसटी पर बहस और पास कराने के लिए पांच घंटे का समय आवंटित करने के मसले पर यह सहमति हुई। हालांकि तारीख निर्धारित नहीं हुई थी।

मनी लांड्रिंग मामला


अब ऐसा लगता है कि मनी लांड्रिंग के मामलों को देखने वाली प्रवर्तन निदेशालय की एफआईआर के बाद कांग्रेस कड़ा रुख अख्तियार कर सकती है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा द्वारा एक कंपनी को भूमि आवंटन से संबंधित है जो कि नेशनल हेराल्ड के प्रकाशन से जुड़ी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी इसके निदेशक हैं। कांग्रेस ने इस मामले में किसी भी प्रकार की वित्तीय गड़बड़ी की आशंका को खारिज किया है। उसके मुताबिक सरकार बदले की कार्रवाई कर रही है।

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राज्य सभा में कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने संबंधी एक प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा के दौरान कार्यवाही को बाधित किया। इसके चलते जीएसटी का समर्थन करने वाली पार्टियों में संसद के भीतर संदेह उत्पन्न हो गया है।

बीजू जनता दल के तथागत सतपथी ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार की जीएसटी में रुचि नहीं है और इसलिए अवरोध उत्पन्न कर रही है। राजग की सहयोगी शिवसेना के नेता अनिल देसाई ने भी कहा कि कांग्रेस भी इस पर नरम रुख अपना रही थी। चीजें सुधर रही थीं। बहस के लिए समय की अवधि निर्धारित कर दी गई थी। अब इस आम सहमति को खत्म क्यों किया जा रहा है ?

इस बिल का समर्थन करने वाले एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि हुड्डा एवं कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केस और बिल के बीच में संबंध है। उन्होंने कहा कि जीएसटी बिल पर आम सहमति की राह में बाधा नहीं आनी चाहिए।

इस मसले पर कांग्रेस का कहना है कि सरकार जीएसटी पर बातें तो खूब कर रही है लेकिन अब वह खुद ही जीएसटी बिल नहीं चाहती। पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम जानते हैं कि सरकार के भीतर ही जीएसटी पर गहरे मतभेद हैं। सरकार इस बात से चिंतित है कि इससे महंगाई बढ़ सकती है।

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बीजेपी की मुश्किल

भाजपा नेता भी मानते हैं कि यदि निकट भविष्य में जीएसटी पास होता है, और अगले साल से इसे लागू किया जाता है तो इसका दोहरा प्रभाव हो सकता है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि एक तो जीएसटी की ऊंची दरें और बड़े टैक्स बेस के कारण कीमतें बढ़ सकती हैं। उसी दौरान महत्वपूर्ण यूपी और गुजरात चुनाव होंगे।

भाजपा को यह भी डर है कि व्यापारी तबके का उसका वफादार वोट बैंक जीएसटी के खिलाफ विद्रोह कर सकता है क्योंकि यह टैक्स अदा नहीं करने वालों को जवाबदेह बनाएगा।

हालांकि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इस पर अपनी भिन्न राय रखी। उन्होंने कहा कि इस बिल का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा यदि यह कांग्रेस के सहयोग से पास होता है तो भाजपा के हाथ से यह चुनावी मुद्दा हाथ से निकल जाएगा कि कांग्रेस सुधारों की राह में रोड़ा अटकाने का काम कर रही है।

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